ये है कफ सिरप का वो खतरनाक केमिकल, जो लील रहा है जानें, कैसे ओवरडोज है जानलेवा

Diethylene Glycol: कफ सीरप में इस्तेमाल किए जाना ये विषैला कैमिकल कैसे आपके शरीर को पहुंचाता है नुकसान, जानिए क्यों इसका इस्तेमाल कर रही हैं दवा कंपनियां.

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कफ सीरप में इस्तेमाल होता है ये जहरीला केमिकल.

Cough Syrup: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत में बनी तीन मिलावटी दवाओं की पहचान की है, जिनमें सबसे ज्यादा चर्चा में रही कोल्ड्रिफ कफ सिरप शामिल है. डब्ल्यूएचओ की जांच में पाया गया कि कोल्ड्रिफ सिरप में एक जहरीला रसायन डायथिलीन ग्लाइकोल (डीईजी) बहुत अधिक मात्रा में मिला है. बता दें कि डीईजी एक ऐसा केमिकल है जो शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक होता है. बता दें कि हाल ही में आई एक रिपोर्ट में भी कुछ कफ सिरप में इस जहरीले रसायन डायथिलीन ग्लाइकोल (Diethylene Glycol - DEG) की खतरनाक मात्रा पाई गई है.

खासकर कोल्ड्रिफ सिरप (Coldrif Syrup) में DEG की मात्रा 48 प्रतिशत से अधिक पाई गई, जबकि इसकी सुरक्षित सीमा केवल 0.1 प्रतिशत तक होती है. बता दें कि ये अंतर सेहत के लिए बेहद खतरनाक माना जा रहा है. आइए जानते हैं क्या हैं ये रसायन और कैसे है खतरनाक.

क्या है डायथिलीन ग्लाइकोल (DEG)?

आपको बता दें कि डायथिलीन ग्लाइकोल एक इंड्रस्टियल केमिकल है, जो मुख्य रूप से एंटीफ्रीज़, पेंट, ब्रेक फ्लूइड और कुछ इंड्रस्टियल सॉल्वेंट्स में इस्तेमाल किया जाता है. इसका इस्तेमाल मानव शरीर के लिए नहीं होता है, लेकिन कई बार इसका इस्तेमाल गलत तरीकों से सिरप या दूसरी दवाओं में मुनाफा बढ़ाने के लिए किया जाता है. 

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DEG शरीर को कैसे पहुंचाता है नुकसान?

डायथिलीन ग्लाइकोल जब मानव शरीर के अंदर पहुंचता है तो ये ऐसे तत्वों में टूटता है जो शरीर के कई अंगो पर जहरीला असर डालते हैं.

नर्वस सिस्टम पर 

DEG का सीधा असर हमारे दिमाग और नर्वस सिस्टम पर पड़ता है. इसके शरीर में जानने से सिरदर्द, उलझन, दौरे या बेहोशी जैसी समस्या हो सकता है.

किडनी 

इस रसायन का शरीर में जाना आपकी किडनी पर भी असर डालता है. दरअसल ये किडनी की फ्लिटरिंग पर असर डालता है. जिससे किडनी फेल होने का खतरा भी बढ़ सकता है.

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लिवर 

DEG का असर लिवर की कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचा सकता है. इसमें पाए जाने वाले जहरीले तत्व लिवर फेल्योर की संभावना को भी बढ़ा सकता है.

बच्चों के लिए खतरनाक

बता दें कि इस केमिकल का असर छोटे बच्चों पर ज्यादा पड़ता है, उनका शरीर इन टॉक्सिन्स को डिटॉक्स नहीं कर पाता, इसलिए DEG बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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