How to Tackling Sibling Fights : बच्चों का लड़ना-झगड़ना आम बात है, लेकिन जब यह पूरे दिन चलता रहे तो माता-पिता का टेंशन में आना जायज है. अगर आपके बच्चे भी छोटी-छोटी बात पर भिड़ जाते हैं, खिलौने के लिए खींचतान करते हैं, और उनकी चिल्ला-चोट सुनकर आप थक चुके हैं, तो यह चिल्ड्रन्स डे 2025 (Children's Day 2025) आपके लिए शांति ला सकता है. आज हम आपको तीन ऐसी आसान और एकदम काम की ट्रिक्स बता रहे हैं, जो मिनटों में बच्चों की लड़ाई खत्म कर देंगी और आपको भी टेंशन फ्री कर देंगी.
इन्हें अपनाने के लिए आपको किसी बड़ी पेरेंटिंग क्लास की जरूरत नहीं है, बस थोड़ा सा पेशेंस रखने की जरूरत है.
ट्रिक 1
लड़ाई शुरू होने से पहले ही माहौल पहचानना सीखें. जैसे ही आपको लगे कि बहस अब झगड़े में बदलने वाली है, तो फौरन दखल दें. किसी एक बच्चे को एक कमरे में, और दूसरे को दूसरे कमरे में भेज दें.
क्या करेंइसे सजा नहीं, बल्कि 'शांत होने का समय' (Cool-off Time) बताएं. उन्हें कहें, "अभी आप दोनों एक-दूसरे से गुस्सा हो, इसलिए 10 मिनट का ब्रेक लो." अलग-अलग होने पर, वे खुद ही 5 से 10 मिनट में शांत हो जाएंगे और फिर आसानी से बात मान लेंगे.
ट्रिक 2
जज नहीं, रेफरी बनिएजब लड़ाई हो जाए, तो फौरन किसी एक को गलत न ठहराएं. बच्चों को बिना डांटे, बारी-बारी से बोलने का मौका दें कि उन्हें कैसा महसूस हुआ. अक्सर माता-पिता बिना पूरा सुने बड़े बच्चे को शांत कराते हैं और छोटे को सही मानते हैं. यह गलत है.
क्या करेंबच्चों को यह सिखाएं कि वह इल्जाम न लगाएं, बल्कि अपनी फीलिंग्स बताएं. जैसे- "जब मेरा खिलौना छीन लिया जाता है, तो मुझे बहुत बुरा लगता है." जब बच्चे एक-दूसरे की फीलिंग्स समझेंगे, तो वे खुद ही सुलह करने लगेंगे.
ट्रिक 3
डिस्ट्रैक्शनझगड़े को भूलने का सबसे अच्छा तरीका है डिस्ट्रैक्शन. बच्चों का ध्यान भटकाना ही सबसे बड़ी ट्रिक है. उन्हें गुस्सा होते रहने का मौका ही न दें.
क्या करेंजब वे लड़ रहे हों, तो चिल्लाने के बजाय कहें, "अरे! ये क्या हो रहा है? छोड़ो, चलो! 5 मिनट में इस कमरे की सबसे मजेदार चीज ढूंढते हैं." या फिर कहें, "जल्दी से दादा-दादी के लिए एक ड्राइंग बनाओ." एक जॉइंट, मजेदार मिशन शुरू करने से उनका ध्यान झगड़े से हटकर मस्ती पर चला जाएगा और सुलह तुरंत हो जाएगी.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














