सिजेरियन डिलीवरी में इन चीजों से करें परहेज, क्या दही, घी खाना चाहिए? डॉक्टर ने बताया प्रेग्नेंसी से पहले और बाद में क्या खाएं

Pregnancy Diet: सी सेक्शन के बाद महिलाएं क्या खाएं और क्या ना खाएं इसको लेकर बहुत सारे भ्रम है. इन्‍हीं सवालों के जवाब तलाशने के लिए हमने न्यूट्रीशनिस्ट एंड लाइफस्टाइल एजुकेटर डॉ. निधि चौधरी से बात की.

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Cesarean Delivery Diet: एक औरत के लिए बच्चे को जन्म देना जितना सुखद अहसास है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी. महिलाएं चाहती हैं कि वह बच्चे को नॉर्मल तरीके से जन्म दें, ताकि अपना और अपने बच्चे का ध्यान रखने के साथ वह अपनी जल्दी रिकवरी के लिए सप्लीमेंट डाइट ले सकें, लेकिन कुछ कारणों से सी सेक्शन मजबूरी बन जाता है. कई भ्रम है कि सी सेक्शन डिलीवरी के बाद महिलाएं सप्लीमेंट डाइट नहीं ले पाती. बता दें कि वर्तमान समय में ज्यादा महिलाएं सी सेक्शन से ही बच्चों को जन्म देती हैं इसके पीछे तेजी से बदलता लाइफ स्टाइल भी जिम्मेदार है. सी सेक्शन के बाद महिलाएं क्या खाएं और क्या ना खाएं इसको लेकर बहुत सारे भ्रम है. इन्‍हीं सवालों के जवाब तलाशने के लिए हमने न्यूट्रीशनिस्ट एंड लाइफस्टाइल एजुकेटर डॉ. निधि चौधरी से बात की.

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प्रेग्नेंसी से पहले कैसे हो डाइट

सी सेक्शन डिलीवरी के बाद डाइट के बारे में बात करते हुए डॉक्टर ने कहा, "आपकी डाइट आपकी क्षमता पर निर्भर करता है. आप कितने एक्टिव हैं, यह डाइट चुनने में काफी मदद करता है. डिलीवरी के पहले हफ्ते में महिलाओं की मूवमेंट न के बराबर होती है ऐसे में उनको लिक्विड डाइट पर ही रखना चाहिए. ऐसे में आप उन्‍हें पतली खिचड़ी, दलिया और दाल दे सकते हैं. इसमें दूध के साथ एक कटोरी पंजीरी भी ली जा सकती है. इसके अलावा गोंद का लड्डू (कम मात्रा में) भी खा सकते हैं.

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नॉर्मल डिलीवरी और सी सेक्शन डिलीवरी 

डॉक्टर निधि ने बतायाा,चाहे नॉर्मल डिलीवरी हो या सी सेक्शन महिलाएं दोनों ही सूरतों में कमजोरी महसूस करती हैं. मगर सी सेक्शन वाली महिलाओं को ऐसे में ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है. सर्जरी की वजह से वह ज्यादा कमजोरी महसूस करती हैं, वह ज्यादा चल-फिर नहीं पाती, पेट की मसल्स की कमजोरी का सारा दबाव उनकी पीठ की मांसपेशियों पर पड़ता है, जिसकी वजह से उन्हें कमर में दर्द की समस्या बनी रहती है."

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डॉ निधि चौधरी इसे जच्चा बच्चा दोनों के लिए जरूरी मानती हैं. सी सेक्शन की वजह से दिक्कतें पैदा होती हैं. कहती हैं, "सर्जरी महिलाओं का मेटाबॉलिज्म बिगाड़ कर रख देती है. ऐसे में फुल न्यूट्रिशनल डाइट महिलाओं की जल्दी रिकवरी करने में मदद करता है. पोस्ट डिलीवरी इन्फेक्शन से बचने के लिए भी एक बेहतर डाइट बहुत अच्‍छा काम करती है. एक बेहतर डाइट महिलाओं को एनर्जी तो देता ही है साथ ही उन्हें जल्‍दी रिकवरी करने में भी मदद करता है, जिससे महिलाएं अपना और अपने बच्‍चे पर अच्‍छे से ध्‍यान दे सकती हैं."

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स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए डाइट टिप्स

स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं बारे में बात करते हुए डॉक्टर निधि ने कहा, "बेहतर डाइट माताओं को स्‍तनपान कराने में भी मदद करती है जिससे बच्चे को पूर्ण पोषण मिलता है, ऐसे में फाइबर और प्रोटीन बेस्ड डाइट आपको कब्‍ज से भी राहत देती है. ऐसे में कब्ज होना आम बात है अगर इसे खत्म नहीं किया जाए तो यह डिलीवरी के बाद वजन बढ़ा सकती है."

डॉक्टर निधि ने आगे बताया, "डिलीवरी के बाद 40 दिन काफी जरूरी होते हैं अगर ऐसे में आप वह चीजें लेते हैं जो आपके शरीर को नुकसान पहुंचाती है, तो इससे आपकी रिकवरी देरी से होगी."

निधि ने ज्‍यादा मसालेदार भोजन न लेने की सलाह दी है, ऐसे भोजन से महिलाओं को ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है. उन्होंने इस पीरियड में कोल्ड ड्रिंक जैसे पेय पदार्थ भी न लेने की सलाह दी है, क्योंकि कोल्ड ड्रिंक में बहुत ज्यादा शुगर और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन के साथ गैस की समस्‍या भी हो सकती है. इस समय में ज्यादा चाय और कॉफी पीने से भी बचना चाहिए.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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