Periods Pain: पीरियड्स में बहुत तेज दर्द होने के पीछे है ये एक कारण, न्यूट्रिशनिस्ट नमामी अग्रवाल ने किया खुलासा

Causes Of Periods Pain: न्यूट्रिशनिस्ट नमामी अग्रवाल ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर पीरियड्स में बहुत तेज दर्द के पीछे की वजह का खुलासा किया है. वह यह भी सुझाव देती हैं कि इसे बढ़ने से रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए.

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Causes Of Periods Pain: जबकि एस्ट्रोजेन जरूरी है, ध्यान रखें कि आप इसे ज़्यादा नहीं लेते हैं.

Severe Periods Pain: पीरियड्स का दर्द काफी तकलीफदेह हो सकता है. हालांकि पीरियड्स हर महिला के जीवन का एक सामान्य हिस्सा है, लेकिन कुछ महिलाएं हैं जो महीने के उस समय में क्रैम्प्स का सामना करती हैं. पीरियड्स का दर्द आपको सुस्त और परेशान करने वाला हो सकता है. लंबे समय तक पीरियड्स में ब्लीडिंग, थकान, सुस्ती, मिजाज में बदलाव और बहुत सारा दर्द. हां, हर महीने एक ही चीज से गुजरना मुश्किल है, लेकिन क्या आपने कभी इस दर्द के पीछे की वजह को समझने की कोशिश की है? न्यूट्रिशनिस्ट नमामी अग्रवाल ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर दर्द के पीछे की वजह का खुलासा किया है. वह यह भी सुझाव देती हैं कि इसे बढ़ने से रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए.

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वीडियो में, नमामी बताती हैं कि पीरियड्स के दर्द के पीछे साइंस और शोध के अनुसार एक कारण है. वह है शरीर में हाई एस्ट्रोजन लेवल.

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वह कहती हैं, "एस्ट्रोजन आपके गर्भाशय लाइन को मोटा बनाता है. इसलिए आपके शरीर में एस्ट्रोजन लेवल जितना अधिक होता है, लाइनिंग उतनी ही मोटी होती है." पोषण विशेषज्ञ बताती हैं कि जब आप पीरियड्स में होते हैं, तो लाइनिंग टूट जाती है और इससे ब्लड फ्लो प्रभावित होता है. इसलिए आप एस्ट्रोजेन से भरपूर फूड्स का सेवन न करें और अंतर देखें.

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कैप्शन में, नमामी लिखती हैं, "फाइटोएस्ट्रोजेन डाइट एस्ट्रोजन का एक रूप है जो हमें भोजन से मिलता है."

वह बताती हैं कि कुछ फूड्स फाइटोएस्ट्रोजेन एस्ट्रोजेन के कार्यों को सपोर्ट करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि आप इसे ज्यादा न करें.

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एस्ट्रोजेन से भरपूर फूड्स में सोया, अलसी के बीज, नट्स, क्रूस वाली सब्जियां और रेड वाइन शामिल हैं.

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जबकि एस्ट्रोजेन जरूरी है, ध्यान रखें कि आप इन फूड्स का ज्यादा सेवन नहीं करते हैं!

सिर्फ पीरयड्स ही नहीं, नमामी अग्रवाल पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) के बारे में भी बात करती हैं, जो महिलाओं में होने वाला एक हार्मोनल डिसऑर्डर है और इसका हेल्दी डाइट से संबंध है. क्या आप जानते हैं कि हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल अपनाकर पीसीओएस के लक्षणों को कम किया जा सकता है? अगर आपके पास पीसीओएस है, तो नमामी पहले लैक्टोज से बचने का सुझाव देती हैं. लैक्टोज में इंसुलिन  हार्मोन होता है जिसे पीसीओएस होने पर टाला जाना चाहिए. वह यह भी कहती हैं कि अगर आपको पीसीओएस है तो ग्लूटेन का सेवन करना अच्छा विचार नहीं है. अपनी डाइट में एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स को शामिल करने का प्रयास करें. अपने भोजन में अधिक फल और सब्जियां शामिल करें. कुछ फिजिकल एक्टिविटी या व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बना लें.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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