उम्र के साथ क्यों बढ़ने लगती है पेट की चर्बी, वैज्ञानिकों ने पता लगाई इसकी असल वजह

अमेरिका के शोधकर्ताओं की एक टीम ने उम्र से संबंधित पेट की चर्बी के कारण का पता लगाया है, जिससे यह समझने में मदद मिलती है कि क्यों उम्र के मध्य तक पहुंचते-पहुंचते हमारी कमर चौड़ी हो जाती है. यह शोध साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
एक उम्र के बाद पेट की चर्बी बढ़ने लगती है.

अमेरिका के शोधकर्ताओं की एक टीम ने उम्र से संबंधित पेट की चर्बी के कारण का पता लगाया है, जिससे यह समझने में मदद मिलती है कि क्यों उम्र के मध्य तक पहुंचते-पहुंचते हमारी कमर चौड़ी हो जाती है. यह शोध साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है, और इसके निष्कर्षों से यह उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में पेट की चर्बी को रोकने और स्वस्थ जीवनकाल बढ़ाने के लिए नई उपचार विधियां विकसित हो सकती हैं. यह शोध 'सिटी ऑफ होप' ने किया है. सिटी ऑफ होप के आर्थर रिग्स डायबिटीज एंड मेटाबॉलिज्म रिसर्च इंस्टीट्यूट में आणविक और सेलुलर एंडोक्राइनोलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर किओंग (एनाबेल) वांग, ने कहा, "लोग उम्र बढ़ने के साथ मांसपेशियाँ खो देते हैं और शरीर में चर्बी बढ़ जाती है, चाहे उनका वजन वही रहता है."

उन्होंने आगे कहा, "हमने यह पाया कि उम्र बढ़ने के साथ एक नई प्रकार की वयस्क स्टेम कोशिकाएं शरीर में आती हैं और पेट के आसपास नई चर्बी कोशिकाओं का उत्पादन तेज कर देती हैं." वांग और उनकी टीम ने यूसीएलए लैब सह-लेखक शिया यांग के साथ मिलकर चूहों पर प्रयोग किए, जिनकी पुष्टि बाद में मानव कोशिकाओं पर की गई.

डॉ सरीन ने बताया लिवर को हेल्दी रखने के लिए इन दो आदतों को फौरन दें बदल, वरना पहुंच सकते हैं गंभीर नुकसान

शोधकर्ताओं ने व्हाइट एडिपोज टिशू (डब्ल्यूएटी) पर ध्यान केंद्रित किया, जो उम्र से संबंधित वजन बढ़ने के लिए जिम्मेदार वसा ऊतक है. हालांकि यह सबको पता है कि उम्र के साथ वसा कोशिकाएं बड़ी हो जाती हैं, शोधकर्ताओं को शक था कि डब्ल्यूएटी नए वसा कोशिकाओं का उत्पादन भी करता है, जिसका मतलब है कि इसके बढ़ने की कोई सीमा नहीं हो सकती.

अपने अनुमान को परखने के लिए, शोधकर्ताओं ने एडिपोसाइट प्रोजेनिटर कोशिकाएं (एपीसीएस) पर ध्यान केंद्रित किया, जो डब्ल्यूएटी में पाई जाने वाली एक प्रकार की स्टेम कोशिकाएं हैं, जो वसा कोशिकाओं में बदलती हैं. टीम ने सबसे पहले युवा और अधिक उम्र वाले चूहों से एपीसीएस लेकर इन्हें दूसरे समूह के युवा चूहों में ट्रांसप्लांट किया. पुराने चूहों से निकाली गई एपीसीएस ने तेजी से ढेर सारी नई वसा कोशिकाएं बनाई.

जब टीम ने युवा चूहों से एपीसीएस को पुराने चूहों में ट्रांसप्लांट किया, तो इन स्टेम कोशिकाओं ने ज्यादा नई वसा कोशिकाएं नहीं बनाई. यह परिणाम यह साबित करते हैं कि पुराने एपीसीएस में खुद ही नए वसा कोशिकाएं बनाने की क्षमता होती है. यह निष्कर्ष दर्शाते हैं कि उम्र से संबंधित मोटापे से निपटने के लिए नई वसा कोशिकाओं का निर्माण नियंत्रित करना बहुत जरूरी है.

Advertisement

Watch Video: कैंसर क्यों होता है? कैसे ठीक होगा? कितने समय में पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं?

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Shubhankar Mishra | बॉर्डर से पाकिस्तान को क्लियर मैसेज | India Pakistan Border | Operation Sindoor