महिलाओं में ऑस्टियोआर्थराइटिस से होने वाली दिव्यांगता के मामले बढ़े, अध्ययन में हुआ खुलासा

2020 में अनुमानित 595 मिलियन लोग इस स्थिति से प्रभावित थे, जो दुनिया की आबादी का लगभग 8 प्रतिशत है. इस बीमारी से महिलाएं ज्यादा जूझती हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
अध्ययन में पाया गया कि घुटने का ऑस्टियोआर्थराइटिस सबसे आम प्रकार था.

एक हालिया अध्ययन के अनुसार मेनोपॉज से गुजरने वाली महिलाओं के ऑस्टियोआर्थराइटिस और इससे जुड़ी दिव्यांगता के मामले पिछले तीन दशक में बहुत बढ़े हैं. वैश्विक स्तर पर किए गई स्टडी के मुताबिक इसमें 130 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. ऑस्टियोआर्थराइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें जोड़ों के कार्टिलेज का नुकसान होता है, जिसके कारण बोन रिजनरेशन, ज्वॉइंट डायफंक्शन और पुराना दर्द उभर आता है. 2020 में अनुमानित 595 मिलियन लोग इस स्थिति से प्रभावित थे, जो दुनिया की आबादी का लगभग 8 प्रतिशत है. इस बीमारी से महिलाएं ज्यादा जूझती हैं.

2021 में ऑस्टियोआर्थराइटिस के 14,258,581 नए मामले सामने आए और मौजूदा मामलों की संख्या 278,568,950 थी. बीएमजे ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, 1990 के बाद से 99,447,16 हेल्दी लाइफ ईयर (डीएएलवाई) नष्ट हो गए, जो 133 प्रतिशत 140 प्रतिशत और 142 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.

यह भी पढ़ें: पुरुषों में सबसे ज्यादा होती है इस विटामिन की कमी? बस दही में ये चीज मिलाकर खाएं रोज

Advertisement

चीन के शोधकर्ताओं का कहना है कि इसका एक कारण यह है कि मेनोपॉज के दौरान महिला हार्मोन एस्ट्रोजन लेवल गिर जाता है. एस्ट्रोजन की कमी से स्केलेटल हेल्थ प्रभावित होती है और ज्वाइंट सिस्टम के कार्य पर भी असर पड़ता है. एक्स्ट्रा वेट भी दिव्यांगता का कारण बनता है. शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि मेनोपॉज महिलाओं में ऑस्टियोआर्थराइटिस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं.

Advertisement

चीन के हांग्जो मेडिकल कॉलेज और झेजियांग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बताया कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं में ऑस्टियोआर्थराइटिस के मामले बढ़ रहे हैं.

Advertisement

उन्होंने कहा कि बीएमआई को कंट्रोल करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव को बढ़ावा देना चाहिए और जोखिम कारकों की सख्त निगरानी और मैनेजमेंट के लिए तत्काल उपायों की जरूरत है. इसके साथ ही ऐसी नीतियों को लागू किया जाना चाहिए जो सामाजिक-जनसांख्यिकीय असमानताओं का ध्यान रखें, ताकि मेनोपॉज महिलाओं में ऑस्टियोआर्थराइटिस के बोझ को प्रभावी रूप से कम किया जा सके.

Advertisement

यह भी पढ़ें: भीगे बादाम में ये चीज मिलाकर खाने से फायदे हो जाएंगे डबल, जानिए बादाम खाने का सही तरीका

मेनोपॉज महिलाओं में ऑस्टियोआर्थराइटिस के वैश्विक प्रभाव को बेहतर तरीके से समझने के लिए शोधकर्ताओं ने ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (जीबीडी) 2021 अध्ययन का सहारा लिया. उन्होंने 55 साल और उससे ज्यादा आयु की मेनोपॉज महिलाओं में घुटने, कूल्हे, हाथ और अन्य प्रकार के ऑस्टियोआर्थराइटिस के नए और मौजूदा मामलों तथा हेल्दी लाइफ के खोए गए सालों (डीएएलवाई) के लिए 1990 से 2021 तक 204 देशों और क्षेत्रों के आंकड़ों का विश्लेषण किया.

अध्ययन में पाया गया कि घुटने का ऑस्टियोआर्थराइटिस सबसे आम प्रकार था और इससे हेल्दी लाइफ के सबसे ज्यादा साल (1264.48/100,000 लोग) खोए गए, इसके बाद हाथ और 'अन्य' ऑस्टियोआर्थराइटिस का स्थान था. कूल्हे का ऑस्टियोआर्थराइटिस सबसे कम आम था और इससे होने वाले जीवन वर्ष के नुकसान की दर सबसे कम थी.

Watch Video: क्या है वजन कम करने का सही तरीका, उम्र के हिसाब से कितना होना चाहिए वजन, पद्मश्री डॉक्टर से जानें

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Jhansi News: महिलाओं की मेहनत लाई रंग! रोक दिया टूटे बांध का रिसाव
Topics mentioned in this article