सेप्सिस रोगियों में मृत्यु का जोखिम बढ़ा सकते हैं कैंसर और डिमेंशिया, रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

एक शोध में यह बात सामने आई है कि कैंसर और डिमेंशिया प्रमुख जोखिम कारक हैं जो आपातकालीन चिकित्सा विभाग में भर्ती सेप्सिस के रोगियों में मृत्यु दर के जोखिम को बढ़ाते हैं. सेप्सिस एक जानलेवा आपात स्थिति है जो संक्रमण के प्रति इम्यूनिटी सिस्टम में गड़बड़ी के कारण होती है. जिससे हर साल विश्वभर में लाखों लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

एक शोध में यह बात सामने आई है कि कैंसर और डिमेंशिया प्रमुख जोखिम कारक हैं जो आपातकालीन चिकित्सा विभाग में भर्ती सेप्सिस के रोगियों में मृत्यु दर के जोखिम को बढ़ाते हैं. सेप्सिस एक जानलेवा आपात स्थिति है जो संक्रमण के प्रति इम्यूनिटी सिस्टम में गड़बड़ी के कारण होती है. जिससे हर साल विश्वभर में लाखों लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं. डेनिश शोधकर्ताओं की ओर से किए गए शोध में पाया गया कि उम्र और हृदय रोग अन्य कारण हैं जो सेप्सिस रोगियों में दो वर्षों के भीतर मृत्यु के जोखिम को बढ़ा सकते हैं.

डेनमार्क के आरहुस यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में क्लिनिकल एपिडेमियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. फिन ई. नीलसन ने कहा, "हमने पाया कि कुछ कारक सेप्सिस के बाद मृत्यु के जोखिम को बढ़ाते हैं, जिसमें आश्चर्यजनक रूप से बढ़ती उम्र भी शामिल है." नीलसन के मुताबिक, "इसके अतिरिक्त, डिमेन्शिया, हृदय रोग, कैंसर और अस्पताल में भर्ती होने के छह महीने के दौरान सेप्सिस ने भी जीवन पर गंभीर खतरा उत्पन्न कर दिया."

नई टेक्नोलॉजी से समय से पहले होने वाली मौतों में आ सकती है 50 प्रतिशत तक की कमी : स्टडी

कोपेनहेगन में यूरोपियन इमरजेंसी मेडिसिन कांग्रेस में प्रस्तुत एक शोध पत्र में, एक टीम ने अक्टूबर 2017 से मार्च 2018 के अंत तक आपातकालीन विभाग में भर्ती किए गए 714 वयस्क रोगियों पर एक लंबे समय तक अध्ययन किया. इन रोगियों को सेप्सिस थी और अध्ययन का उद्देश्य यह जानना था कि इन रोगियों में कितने लोग बाद में मर गए. टीम ने पाया कि दो वर्षों के बाद सेप्सिस से पीड़ित 361 (50.6 प्रतिशत) रोगियों की मृत्यु सेप्सिस सहित अन्य कारणों से हुई. वहीं उम्र बढ़ने के साथ मृत्यु का जोखिम 4 प्रतिशत और बढ़ जाता है.

इसके अलावा कैंसर का इतिहास होने से जोखिम दोगुना हो जाता है. हृदय रोग से जोखिम 39 प्रतिशत बढ़ जाता है, डिमेन्शिया से जोखिम 90 प्रतिशत बढ़ जाता है, और सेप्सिस के साथ अस्पताल में भर्ती होने के छह महीने के दौरान यह खतरा 48 प्रतिशत बढ़ जाता है. नीलसन ने कहा, "यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि सेप्सिस एक गंभीर बीमारी है, जिसमें मृत्यु दर का जोखिम बहुत अधिक है.'' टीम ने कहा, '' इस विषय पर अभी और भी शोध किए जाने की जरूरत है.''
 

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Advertisement
Featured Video Of The Day
Kashmir: जंगल में मिला आतंकियों का अड्डा! Operation Mahadev Inside Story | Pahalgam का बदला पूरा!
Topics mentioned in this article