दिमाग खाने वाले अमीबा ने ली महिला की जान, एक महीने में 5 की मौत

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इस बीमारी ने एक महीने में 5 लोगों की जान ले ली है, जिनमें तीन महीने का शिशु और कोझिकोड के थमारस्सेरी की नौ साल की बच्ची भी शामिल है.

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इस बीमारी ने एक महीने में 5 लोगों की जान ले ली है.

केरल: मलप्पुरम जिले की 56 वर्षीय महिला की प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस से मृत्यु हो गई है. ये एक घातक ब्रेन इंफेक्शन है. सोमवार को स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की. महिला की मृत्यु के साथ ही, जानलेवा दिमाग खाने वाले अमीबा संक्रमण से मरने वालों की संख्या केवल एक महीने के भीतर 5 हो गई है. इसने राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है. एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संक्रमण से जान गंवाने वाली महिला की पहचान मलप्पुरम के वंडूर की रहने वाली एम. शोभना के रूप में हुई है. पिछले गुरुवार (4 सितंबर) को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल (केएमसीएच) में भर्ती होने के बाद से ही उसके हालात ठीक नहीं थे, वह बेहोशी की हालत में थी.

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इस बीमारी ने एक महीने में 5 लोगों की जान ले ली है

स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि वो संक्रमित थी. उसके लक्षण साफ दिख रहे थे. इंटेंसिव केयर फैसिलिटी उपलब्ध कराने के बावजूद उसमें सुधार नहीं दिख रहा था. हाल ही में वायनाड जिले के 45 वर्षीय रथेश (जिनका एक हफ्ते से ज्यादा समय से केएमसीएच में इलाज चल रहा था) ने ब्रेन इंफेक्शन के कारण दम तोड़ दिया था. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इस बीमारी ने एक महीने में 5 लोगों की जान ले ली है, जिनमें तीन महीने का शिशु और कोझिकोड के थमारस्सेरी की नौ साल की बच्ची भी शामिल है.

विभाग ने शरू किया प्यूरिफाइंग कैंपेन

कोझिकोड, मलप्पुरम और वायनाड जिलों में इसका प्रकोप ज्यादा है. यहां इस साल कुल मिलाकर 42 पुष्ट मामले दर्ज किए गए. संक्रमण की बढ़ती संख्या को देखते हुए केरल स्वास्थ्य विभाग ने निवारक उपायों को तेज करने के लिए राज्य लोक स्वास्थ्य अधिनियम लागू किया है. विभाग ने राज्यव्यापी वाटर प्यूरिफाइंग कैंपेन शुरू किया है. स्थानीय निकायों से कुओं, पानी की टंकियों और अन्य सार्वजनिक जल निकायों की सफाई करने का आग्रह किया गया है. उन्होंने सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में स्थिर जल स्रोतों में तैरने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.

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केरल में, खासतौर से राज्य के उत्तरी भाग में संक्रमण बढ़ने के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक सार्वजनिक सलाह जारी की है, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि शीघ्र डाग्नोसिस जरूरी है और अगर बुखार, तेज सिरदर्द और उल्टी जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. अमीबिक एन्सेफलाइटिस, घातक सेंट्रल नर्वस सिस्टम संक्रमण है जो मीठे पानी की झीलों और नदियों में पाए जाने वाले फ्री-लिविंग अमीबा, नेगलेरिया फाउलेरी (जिसे ब्रेन खाने वाला अमीबा भी कहा जाता है) के कारण होता है.

यह तैराकी, स्नान या नाक धोने के दौरान नाक के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकता है और तेजी से ब्रेन तक पहुंच सकता है, जहां यह प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस का कारण बनता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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