ऑटिज्म में ब्रेन चेंजेस जितना आप पहले से जानते हैं उसकी तुलना में कहीं ज्यादा व्यापक : स्टडी

नए अध्ययन में एनालाइज किए गए लगभग सभी 11 कॉर्टिकल एरियाज में ब्रेन वाइड चेंजेस मिलते हैं. वे हाई इंपोर्टेंट एरिया हैं - जो तर्क, भाषा, सामाजिक अनुभूति और मानसिक लचीलेपन जैसे कार्यों में शामिल होते हैं.

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शोधकर्ताओं ने मजबूत सबूत पाया कि ऑटिज़्म के लिए अनुवांशिक जोखिम भी जिम्मेदार है.

वाशिंगटन: ऑटिज्म में मस्तिष्क परिवर्तन सोशल बिहेवियर और लेन्गुएज को प्रभावित करने वाले विशेष क्षेत्रों के बजाय पूरे सेरेब्रल कॉर्टेक्स में व्यापक हैं. एक नए अध्ययन ये पता लगाया गया है कि कैसे ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एएसडी) मॉलिक्यूलर लेवल पर प्रगति करता है. टुडे इन नेचर में पब्लिस स्टडी, मॉलिक्यूलर लेवल पर एएसडी की विशेषता के लिए एक व्यापक प्रयास का दर्शाता है. जबकि अल्जाइमर रोग या पार्किंसंस रोग जैसे तंत्रिका संबंधी विकारों में विकृति को अच्छी तरह से पहचाना जा सकता है. ऑटिज्म और अन्य मानसिक विकारों को आसानी से पहचाना नहीं जाता है, जिससे अधिक प्रभावी उपचार विकसित करना मुश्किल हो गया है.

नए अध्ययन में एनालाइज किए गए लगभग सभी 11 कॉर्टिकल एरियाज में ब्रेन वाइड चेंजेस मिलते हैं. वे हाई इंपोर्टेंट एरिया हैं - जो तर्क, भाषा, सामाजिक अनुभूति और मानसिक लचीलेपन जैसे कार्यों में शामिल होते हैं.

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अध्ययन के लेखक डॉ. डैनियल गेशविंड, गॉर्डन और वर्जीनिया मैकडोनाल्ड के प्रोफेसर ने कहा "अब हम अंततः ऑटिज़्म का निदान करने वाले व्यक्तियों में मस्तिष्क के मॉलीक्यूलर लेवल पर मस्तिष्क की स्थिति की एक तस्वीर प्राप्त करना शुरू कर रहे हैं. यह हमें एक न्यूक्लियर डिफॉर्मेशन प्रदान करता है, जो अन्य मस्तिष्क विकारों के समान है जैसे कि पार्किंसंस, अल्जाइमर और स्ट्रोक, डिसऑर्डर के तंत्र को समझने के लिए एक जरूरी स्टार्टिंग प्वॉइंट प्रदान करता है, जो डिजीज मॉर्डिफाइंग थेरेपीज की ग्रोथ को तेज करेगा."

एक दशक से भी अधिक समय पहले, गेशविंड ने मस्तिष्क के दो क्षेत्रों, टेम्पोरल लोब और फ्रंटल लोब पर ध्यान केंद्रित करके ऑटिज़्म की मॉलिक्यूलर डिसऑर्डर की पहचान करने के पहले प्रयास का लीड किया. उन क्षेत्रों को इसलिए चुना गया क्योंकि वे हाई सेंस में शामिल क्षेत्र हैं.

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नए अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने चार मुख्य कॉर्टिकल लोबों में से प्रत्येक से आरएनए को इंडेक्स करके 11 कॉर्टिकल एरियाज में जीन एक्सप्रेशन की जांच की. उन्होंने हेल्दी ब्रेन टिश्यू के खिलाफ एएसडी वाले 112 लोगों की मृत्यु के बाद प्राप्त ब्रेन टिश्यू के सैम्पल की जांच की.

जबकि प्रत्येक प्रोफाइल वाले कॉर्टिकल एरिया में बदलाव देखा गया, जीन लेवल में सबसे बड़ी गिरावट विजुएल कॉर्टेक्स और पैरिटल कॉर्टेक्स में थी, जो स्पर्श, दर्द और तापमान जैसी सूचनाओं को प्रोसेस करती है. शोधकर्ताओं ने मजबूत सबूत पाया कि ऑटिज़्म के लिए अनुवांशिक जोखिम एक विशिष्ट न्यूरोनल मॉड्यूल में समृद्ध होता है जिसमें मस्तिष्क में कम एक्सप्रेशन होती है.

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गेशविंड ने कहा, शोधकर्ता अपने तंत्र को बेहतर ढंग से समझने के लिए परिवर्तनों को मॉडल करने के लिए ऑर्गेनोइड का उपयोग कर सकते हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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