BP Kitna Hona Chahiye: हाई बीपी (Hypertension) यानी उच्च रक्तचाप की समस्या आज के दौर में आम हो गई है. तनाव भरी जिंदगी में कई लोग कम उम्र में ही हाई बीपी का शिकार हो जाते हैं. जब रक्तचाप की रीडिंग लगातार सामान्य स्तर से अधिक हो जाती है तो उसे हाई बीपी माना जाता है. ब्लड प्रेशर को दो संख्याओं में मापा जाता एक सिस्टोलिक (ऊपरी संख्या) और डायस्टोलिक (निचली संख्या). अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) और अन्य प्रमुख स्वास्थ्य संगठनों ने उच्च रक्तचाप को इसकी रीडिंग के हिसाब (mm Hg में) से श्रेणियां में बांटा है.
रक्तचाप की रीडिंग | सिस्टोलिक (ऊपरी संख्या) | डायस्टोलिक (निचली संख्या) |
सेफ | 120 से कम | 80 से कम |
बढ़ाने के संकेत | 120−129 | 80 से कम |
हाई बीपी स्टेज 1 | 130−139 या | 80−89 |
हाई बीपी स्टेज 2 | 140 या अधिक | 90 या अधिक |
हाइपरटेंशन से कैसे करें शरीर की रक्षा
हाई बीपी होने के कई कारण होते हैं. जैसे की जो लोग अधिक तनाव लेते हैं और कम सोते हैं . उनका बीपी अपने आप ही बढ़ने लग जाता है. इसी तरह से जो लोग अधिक तला और मसाले वाला खाना खाते हैं, उन्हें भी हाई बीपी हो जाता है. हाई बीपी होने पर कई घातक रोग शरीर को लग सकते हैं. जैसे कि दिल के रोग होना, ब्रेन स्ट्रोक, गुर्दे की बीमारी.
- एक अच्छी जीवनशैली से बीपी को कंट्रोल में रखा जा सकता है.
- हाइपरटेंशन की समस्या होने पर व्यायाम करें. खूब सारा पानी पीते रहें.
- आंवला का सेवन सुबह खाली पेट शहद के साथ करें. आंवले में बहुत सारे एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन सी होते हैं, जो दिल और धमनियों को मजबूती देते हैं.
- मेथी और अजवाइन का पानी भी हाई बीपी को कम करने में मदद करता है.
- अर्जुन की छाल का काढ़ा या गिलोय का काढ़ा भी हाई बीपी को नियंत्रित करता है.
- रोजाना 30 मिनट तक जरूर चलें.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)