Green Tea नहीं, यह सस्ती देसी चाय घटाती है सबसे ज्यादा पेट की चर्बी, नए रिसर्च में खुलासा

Tea For Weight Loss: अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो यह चाय न सिर्फ आसानी से मिल जाती है, बल्कि हर घर में लगभग रोजाना बनती भी है. यानी वजन घटाना अब महंगा या मुश्किल नहीं रहा.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Tea for Weight Loss: वजन घटाने के लिए काली चाय सबसे बेहतरीन है.

Black Tea For Weight Loss: आज के समय में पेट की चर्बी सबसे आम लेकिन सबसे जिद्दी समस्या बन चुकी है. लोग ग्रीन टी, डाइट प्लान, जिम और कई महंगे सप्लीमेंट्स पर हजारों रुपये खर्च कर देते हैं, लेकिन फिर भी पेट की चर्बी कम नहीं होती. खास बात यह है कि हाल ही में आई एक नई रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है ग्रीन टी नहीं, बल्कि एक सस्ती और देसी चाय पेट की चर्बी कम करने में सबसे ज्यादा असरदार साबित हो रही है. यह चाय न सिर्फ आसानी से मिल जाती है, बल्कि हर घर में लगभग रोजाना बनती भी है. यानी वजन घटाना अब महंगा या मुश्किल नहीं रहा.

आखिर क्यों बढ़ती है पेट की चर्बी? | Why Does Belly Fat Increase?

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अनियमित खान-पान, स्ट्रेस, नींद की कमी और बैठे-बैठे काम करने से पेट के आसपास फैट तेजी से जमा होने लगता है. पेट की चर्बी केवल दिखने में खराब नहीं लगती बल्कि यह शरीर के लिए सबसे खतरनाक फैट माना जाता है, क्योंकि यह हार्ट डिजीज, डायबिटीज और हाई बीपी जैसी समस्याओं को बढ़ा देता है.

इसी बीच, वजन घटाने के नाम पर ग्रीन टी ने सालों तक बाजार में अपनी पकड़ बनाए रखी थी. लेकिन, नई स्टडी ने तस्वीर पूरी तरह पलट दी है और ध्यान केंद्रित किया है हमारी देसी, सस्ती और नेचुरल टी काली चाय (Black Tea) पर.

ये भी पढ़ें: Keto फेल, Intermittent Fasting बेकार! 2025 में कौन सी डाइट ने सबको चौंकाया? जानिए

नई रिसर्च में खुलासा, काली चाय सबसे ज्यादा असरदार

यूरोपियन जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन के अनुसार ब्लैक टी मेटाबोलाइट्स मोटापे से जुड़े गट बैक्टीरिया को कम करते हैं और लीन बॉडी मास से जुड़े गट बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं.

रिसर्च में पाया गया कि काली चाय में मौजूद पॉलीफेनॉल्स और फ्लेवोनॉइड्स मेटाबॉलिज्म को ग्रीन टी से भी ज्यादा तेजी से बढ़ाते हैं. इससे शरीर फैट को एनर्जी में बदलने लगता है और खासकर पेट के आसपास जमा फैट तेजी से घटता है.

इस स्टडी में पाया गया कि काली चाय के पॉलीफेनॉल्स आंतों के माइक्रोबायोम को इस तरह बदलते हैं जिससे फैट-बर्निंग प्रक्रिया तेज होती है। शोधकर्ताओं ने माना कि ब्लैक टी का प्रभाव ग्रीन टी जितना ही, कई मामलों में उससे भी अधिक होता है.

Advertisement

रिसर्च में पाया गया कि काली चाय में मौजूद पॉलीफेनॉल्स और फ्लेवोनॉइड्स मेटाबॉलिज्म को ग्रीन टी से भी ज्यादा तेजी से बढ़ाते हैं. इससे शरीर फैट को एनर्जी में बदलने लगता है और खासकर पेट के आसपास जमा फैट तेजी से घटता है.

क्यों काली चाय है ग्रीन टी से ज्यादा प्रभावी? | Why Is Black Tea More Effective Than Green Tea?

1. ज्यादा पावरफुल एंटीऑक्सिडेंट: काली चाय में ऐसे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो फैट-बर्निंग एंजाइम्स को तेज़ी से सक्रिय करते हैं.
2. पाचन में सुधार: रोजाना 1–2 कप ब्लैक टी पीने से डायजेशन मजबूत होता है, जिससे पेट फूलना और गैस की समस्या कम होती है.
3. फैट स्टोर होने से रोकती है: इसमें मौजूद खास कम्पाउंड्स शरीर में फैट को जमा होने से रोकते हैं.
4. ब्लड शुगर कंट्रोल: ब्लैक टी इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाती है, जिससे शरीर एक्स्ट्रा कैलोरी को फैट बनाकर जमा नहीं करता.

Advertisement

ये भी पढ़ें: कान का कबाड़ा बिना तीली के कैसे निकालें? ये 3 घरेलू तरीके सबसे आसान और कारगर, निकल जाएगा पूरा मैल

काली चाय कैसे और कब पिएं? | How and When to Drink Black Tea?

  • सुबह खाली पेट नहीं, बल्कि हल्के नाश्ते के बाद.
  • चीनी बिल्कुल न डालें, वरना फायदा कम हो जाएगा.
  • रोजाना 1–2 कप ही काफी हैं.
  • चाहें तो इसमें नींबू की कुछ बूंदें मिलाकर इसका फैट-बर्निंग असर बढ़ा सकते हैं.

नई रिसर्च ने साबित कर दिया है कि वजन घटाने के लिए महंगी ग्रीन टी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है. हमारी देसी काली चाय न सिर्फ सस्ती और स्वाद में तगड़ी है, बल्कि पेट की चर्बी घटाने में भी बेहद कारगर है. बस सही समय पर बिना चीनी के और नियमित रूप से पीते रहें, नतीजे खुद दिखने लगेंगे.

Advertisement

Watch Video: ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण, कारण और इलाज | Brain Tumor In Hindi

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Babri Masjid Controversy: 'बाबरी' के जरिए चुनाव में ममता को हराएंगे हुमायूं कबीर? | Sawaal India Ka