पेट की जिद्दी चर्बी और कब्ज से छुटकारा दिलाता है भुजंगासन, जानें इस योग आसन के बड़े फायदे

Bhujangasana Benefits: आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह आसन तनाव घटाने, पेट की जिद्दी चर्बी पिघलाने और कब्ज जैसी पाचन परेशानियों को जड़ से खत्म करने में मददगार हो सकता है. आइए जानते हैं इसके कमाल के स्वास्थ्य लाभ.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Bhujangasana Benefits: भुजंगासन को कोबरा पोज या फिर सर्पासन के नाम से भी जाना जाता है.

Bhujangasana Benefits: कामकाजी और घरेलू जिम्मेदारियों में फंसे लोगों के शरीर में थकान, तनाव, पेट की जिद्दी चर्बी और कब्ज जैसी समस्याएं घर कर जाती हैं, लेकिन ऐसे में योग करना एक प्रभावी उपाय हो सकता है. ऐसे लोगों के लिए भुजंगासन काफी फायदेमंद हो सकता है. आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह आसन तनाव घटाने, पेट की जिद्दी चर्बी पिघलाने और कब्ज जैसी पाचन परेशानियों को जड़ से खत्म करने में मददगार हो सकता है. पीठ दर्द, साइटिका और श्वसन तंत्र की दिक्कतों से छुटकारा दिलाने वाला यह योग हर उम्र के लिए वरदान है.

ये भी पढ़ें: हाई यूरिक एसिड के लिए वरदान माना जाता है पान का पत्ता, जानिए इस्तेमाल करने का आसान तरीका

भुजंगासन को कोबरा पोज

भुजंगासन को कोबरा पोज या फिर सर्पासन के नाम से भी जाना जाता है. इसे सूर्य नमस्कार के 12 आसनों में से आठवां स्थान प्राप्त है. आयुष मंत्रालय ने भी भुजंगासन पर खास जानकारी दी, जिसमें बताया गया है कि भुजंग शब्द का अर्थ होता है ‘सर्प' या ‘नाग'. इस आसन में शरीर की आकृति सर्प के फन की तरह ऊपर उठती है, इसलिए इसे भुजंगासन कहा जाता है.

भुजंगासन के फायदे (Benefits of Bhujangasana)

यह आसन तनाव को कम करने चर्बी घटाने और कब्ज दूर करने में सहायक है. साथ ही, यह पीठ दर्द व श्वसन नली से संबंधित समस्याओं को दूर करता है.

'भुजंगासन' को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं और अपनी दोनों हथेलियों को जांघों के पास जमीन की तरफ करके रखें और इस बात का ध्यान रखें कि आपके दोनों टखने एक-दूसरे को छूते रहें.

इसके बाद दोनों हाथों को कंधे के बराबर लेकर आएं और साथ ही दोनों हथेलियों को जमीन की तरफ रखें. अब शरीर का वजन हथेलियों पर डालें और धीरे-धीरे सांस भीतर की ओर खींचे और सिर को उठाते हुए पीठ की तरफ खींचें.

ध्यान दें, कि इस वक्त तक आपकी कुहनी मुड़ी हुई है और फिर सिर को पीछे की तरफ ले जाएं और साथ ही अपनी छाती को आगे की तरफ निकालें. वाली अवस्था में आ जाएं और अपनी क्षमता के अनुसार इस प्रक्रिया को दोहराएं.

Advertisement

पीठ दर्द, हाल की सर्जरी, रीढ़ की गंभीर समस्या या मासिक धर्म के दौरान यह आसन न करें. डॉक्टर से सलाह लें. योग अपनाकर हम हेल्दी और खुशहाल जीवन जी सकते हैं.

Gurudev Sri Sri Ravi Shankar: Stress, Anxiety, से लेकर Relationship, Spirituality तक हर बात

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: Modi vs Rahul...किसका पलड़ा भारी? | Shubhankar Mishra | Kachehri