Back Pain का आपके दिमाग से है गहरा कनेक्शन, जानिए इस दर्द से राहत पाने के उपाय

Back Pain: कमर के दर्द से राहत दिलाने में मदद करेंगे ये आसान उपाय, जानिए कैसे आपके दिमाग से है इसका कनेक्शन.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
कमर दर्द का आपके दिमाग से है सीधा कनेक्शन.

Back Pain Home Remedies: कमर दर्द आज सिर्फ एक स्वास्थ्य समस्या नहीं, बल्कि आधुनिक जीवन की थकान का प्रतीक बन चुका है. घंटों तक कंप्यूटर पर काम करना, तनाव भरी दिनचर्या, नींद की कमी और शारीरिक गतिविधि का अभाव—ये सब मिलकर पीठ को ऐसा दर्द देते हैं, जो धीरे-धीरे हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर असर डालता है. लेकिन एक नई वैज्ञानिक रिपोर्ट उम्मीद की नई किरण लेकर आई है. जेएएमए नेटवर्क ओपन में प्रकाशित एक अध्ययन ने बताया कि राहत दवाइयों में नहीं, बल्कि हमारे मन और विचारों में छिपी हो सकती है.

770 प्रतिभागियों पर किए गए इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि माइंडफुलनेस-बेस्ड थेरेपी (एमबीटी) और कोग्नेटिव बिहेवियरल थेरेपी (सीबीटी) दोनों ने ही निचले हिस्से के कमर दर्द को उल्लेखनीय रूप से कम किया. यह सुनने में भले ही अचरज लगे, लेकिन सच यह है कि कई बार शरीर का दर्द हमारे मानसिक तनाव और भावनात्मक बोझ से गहराई से जुड़ा होता है.

माइंडफुलनेस-आधारित थेरेपी का सिद्धांत सीधा है. वर्तमान क्षण में जीना और अपने शरीर के प्रति काइंड रहना और अपनी महत्ता को महसूस करना, थेरेपी आपको सिखाती है कि दर्द को दुश्मन की तरह नहीं, बल्कि एक संकेत की तरह देखें. जब मन शांत होता है, शरीर तनाव मुक्त होने लगता है और मांसपेशियों में कसाव कम होता है. गहरी सांस, आंखें बंद कर बैठना और हर श्वास को महसूस करना—ये छोटी-छोटी क्रियाएं बड़ी राहत का कारण बन सकती हैं.

ये भी पढ़ें: दर्द और सूजन को जड़ से मिटाने में कारगर है ये फूल, जानिए कैसे करना है सेवन

कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (सीबीटी) दर्द पर नहीं, बल्कि दर्द के प्रति हमारी सोच पर काम करती है. यह हमें सिखाती है कि “मैं चल नहीं सकता” या “मेरा दर्द कभी ठीक नहीं होगा” जैसी नकारात्मक धारणाएं असल में तकलीफ को और बढ़ाती हैं. जब इन विचारों की जगह “मैं ठीक हो सकता हूं” और “मेरा शरीर मजबूत है” जैसे विश्वास आते हैं, तो दर्द की तीव्रता भी कम होती महसूस होती है.

यह अध्ययन बताता है कि जिन लोगों ने आठ सप्ताह तक एमबीटी या सीबीटी का अभ्यास किया, उन्होंने न केवल दर्द में कमी महसूस की, बल्कि बेहतर नींद, मूड और जीवन की गुणवत्ता की भी रिपोर्ट दी. सबसे खास बात—इन उपायों में दवा, इंजेक्शन या सर्जरी शामिल नहीं था. सिर्फ मन और शरीर के बीच संवाद को मजबूत करने का अभ्यास था.

Advertisement

इन तरीकों को अपनाने के लिए किसी महंगे उपकरण की जरूरत नहीं. दिन में 10 मिनट शांत बैठकर सांसों पर ध्यान देना या किसी प्रशिक्षित विशेषज्ञ के सीबीटी ऑडियो सत्र सुनना ही शुरुआत हो सकती है. शरीर की सीमाओं को स्वीकारते हुए हर दिन छोटे-छोटे बदलाव करना ही असली उपचार है. कमर दर्द सिर्फ हड्डियों का नहीं, आदतों का भी मामला है. जब हम अपने ख्यालों और भावनाओं को संतुलित रखते हैं, तो शरीर भी धीरे-धीरे अपनी मरम्मत शुरू कर देता है.

Gurudev Sri Sri Ravi Shankar on NDTV: Stress, Anxiety, से लेकर Relationship, Spirituality तक हर बात

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Advertisement
Featured Video Of The Day
BrahMos Missile News: भारत की शक्ति में नया अध्याय, ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप हुई लॉन्च