शरीर और दिमाग के लिए भी बेहद अच्छा है अनुलोम विलोम प्राणायाम, ये रहा करने का सही तरीका

अनुलोम विलोम दरअसल दिमाग के तंत्रिका तंत्र (Nervous system) को मजबूत करता है, जिससे मस्तिष्क का संतुलन बना रहता है. इसके जरिए हम अपनी सांस लेने वाली प्रणाली (Respiratory System) को बेहतर कर सकते हैं.

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तन और मन के लिए लाभकारी है अनुलोम विलोम, यहां सीखे इसे करने का तरीका

Anulom Vilom: स्वस्थ शरीर के लिए योग (Yoga) बहुत ही कारगर साबित हुआ है. एक वक्त के बाद पूरी दुनिया ने स्वास्थ्य के लिए योग का लोहा मान लिया है. योग के तहत प्राणायाम को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है जिसमें अनुलोम विलोम क्रिया शरीर और दिमाग (Mind) के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है. अनुलोम विलोम दरअसल दिमाग के तंत्रिका तंत्र (Nervous system) को मजबूत करता है, जिससे मस्तिष्क का संतुलन बना रहता है. अनुलोम विलोम के जरिए हम अपनी सांस लेने वाली प्रणाली (Respiratory System) को बेहतर कर सकते हैं. इससे फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है, मांसपेशियां मजबूत होती हैं, दिमागी तनाव दूर होने के साथ साथ अनुलोम विलोम की मदद से शुद्ध ऑक्सीजन शरीर के सभी अंगों तक पर्याप्त रूप से पहुंच पाती है. इसलिए इसे शरीर के लिए बेहद उपयोगी प्राणायाम कहा गया है. चलिए जानते हैं कि अनुलोम विलोम (Breathing exercise) कैसे किया जाता है इसे करने का सही समय और इसकी अवधि कितनी होनी चाहिए. 

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अनुलोम विलोम करने का सही तरीका 

अनुलोम विलोम करना बेहद आसान है, लेकिन फिर भी कई लोग इसे जल्दीबाजी में गलत तरीके से करते हैं. सबसे पहले पद्मासन में बैठ जाएं. अब अपनी बाईं हथेली के बाएं घुटने पर रखिए. अब दाएं हाथ के अंगूठे को दाईं नासिका पर रखिए और हल्के से दबाकर इसके नथुने को ढक लीजिए और दूसरे नथुने से एक लंबी और गहरी सांस लीजिए. आपको सांस इस तरह लेनी है कि आपकी छाती और पेट पूरी तरह सांस से भर जाए और आपको पेट को पूरी तरह फुला लेना है. कुछ देर के लिए ऐसे ही रहिए और फिर  धीरे धीरे बाएं नथुने से सांस छोड़ना शुरू कीजिए.  दो सैकेंड का ब्रेक लीजिए और अब इस क्रम को दूसरे नथुने के साथ कीजिए. यानी अब उसी हाथ की अनामिका उंगली से बाएं नथुने को बंद कीजिए और दाएं नथुने से भरपूर सांस लीजिए और एक सेकेंड का ब्रेक लेकर बेहद धीरे धीरे उस नथुने से सांस छोड़िए.

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इस तरह से यही क्रम आपको पांच से सात बार करना है. अनुलोम विलोम करने का वैसे तो कोई वक्त नहीं होता है, लेकिन फिर भी अगर इसे दिन में दो बार सुबह और शाम के वक्त किया जाए तो ज्यादा बेहतर होता है. एक बार के प्राणायाम में दस मिनट काफी होते हैं. 

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अनुलोम-विलोम प्राणायाम के माध्यम से हम शरीर के भीतर एक्स्ट्रा शुद्ध ऑक्सीजन भेजते हैं और कार्बन डाईऑक्साइड बाहर निकालते हैं. इससे खून साफ होता है और ऑक्सीजन शरीर के हर अंग तक अच्छी तरह पहुंचती है. इसके जरिए खून साफ होकर शरीर के सभी अंगों तक पहुंचता है और फलस्वरूप शरीर एक्टिव और स्वस्थ होता है. इससे प्राणशक्ति का स्तर बढ़ने की बात कही गई है क्योंकि इस प्राणायम की मदद से दिमाग तेज और शांत होता है. ऐसे लोग जिनका ब्लड प्रेशर बढ़ा रहता है, उन्हें यह प्राणायाम खास तौर पर करना चाहिए.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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