Aishwarya Rai Bachchan To Undergo Surgery For Wrist Fracture: कान्स फिल्म फेस्टिवल में रेड कार्पेट पर चल रहीं ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan ) को देखकर लोगों ने उनके बांहों पर लगी पट्टी को भी नोटिस किया था. कलाई पर चोट लगने के बावजूद कान्स पहुंची ऐश्वर्या ने अपने फैंस और फॉलोअर्स को निराश नहीं किया. फाल्गुनी और शेन पीकॉक के बनाए डिजाइनर आउटफिट पहनीं पूर्व मिस वर्ल्ड ऐश्वर्या ने एक बार फिर दुनिया भर को अपने लुक का दिवाना बना दिया. हालांकि, उन्होंने काफी बारीकी से अपने आउटफिट को आर्म कास्ट के साथ पेयर किया था, लेकिन उनकी तकलीफ की ओर भी काफी लोगों का ध्यान गया.
कान्स से लौटने के बाद ऐश्वर्या की कलाई की सर्जरी | Aishwarya Rai Bachchan To Undergo Surgery For Wrist Fracture
रिपोर्ट के मुताबिक, वीकेंड के दौरान उनकी कलाई में फ्रैक्चर (Wrist Fracture) हो गया था. मेडिकल काउंसलिंग और डॉक्टर्स के सुझाव के बाद वह कान्स के लिए रवाना हो पाई थीं. कान्स से लौटने के बाद अब उनकी सर्जरी के लिए दिन तय किया गया है. आइए, जानते हैं कि आखिर कलाई की चोट कितना खतरनाक है, यह कैसे लग सकता है और इसका इलाज क्या है?
कलाई में चोट लगने की वजह, उसका लक्षण और इलाज
कलाई में चोट लगने की कई वजहें हो सकती हैं. गिरने, खेल के दौरान फिलसने, बार-बार तनाव या फिर किसी बाहरी चीज से चोट के कारण भी कलाई में दर्द हो सकता है. आमतौर पर कलाई की चोटों में फ्रैक्चर, मोच, टेंडोनाइटिस और कार्पल टनल सिंड्रोम शामिल हैं. वहीं, इसके लक्षणों में आमतौर पर दर्द, सूजन, चोट और कलाई को हिलाने में होने वाली दिक्कतें शामिल है. चोट की गंभीरता और दर्द की इंटेंसिटी देखने के लिए डॉक्टर अक्सर फिजिकल टेस्ट, एक्स-रे या एमआरआई स्कैन वगैरह करवाते हैं. इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर वह दवाई और मालिश से आराम होने या कलाई की सर्जरी का फैसला करते हैं.
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कब जरूरी हो जाती है कलाई की सर्जरी
जब आराम, बर्फ की सिंकाई, दबाव या मालिश, आरआईसीई, स्प्लिंटिंग या फिजिकल ट्रीटमेंट जैसे बाहरी इलाज कलाई की चोट की तकलीफ, दर्द और लक्षणों को कम करने में नाकाम हो जाते हैं या अगर चोट गंभीर दिखता है, तो सर्जिकल इलाज जरूरी हो सकता है. चोट की गंभीरता के आधार पर अलग-अलग सर्जिकल विकल्प आजमाए जाते हैं.
फ्रैक्चर के मामले में होने वाली सर्जरी में हड्डियों को स्टेबल करने के लिए पिन, प्लेट या स्क्रू डाला जा सकता है. वहीं, टेंडन या लिगामेंट की चोटों के लिए रिपेयरिंग की जरूरत हो सकती है. कार्पल टनल सिंड्रोम सर्जरी में नर्वस सिस्टम पर दबाव कम करने के लिए कार्पल लिगामेंट को काटना शामिल है.
कलाई की सर्जरी के बाद क्या करना चाहिए
कलाई की सर्जरी के बाद पूरी तरह ठीक होने के लिए आराम काफी जरूरी होता है. फिजिकल इलाज कलाई के लचीलेपन और उसके कामकाज को बहाल करने में मदद करती है. हालांकि, पूरी तरह ठीक होने में लगने वाला समय अलग-अलग होता है, लेकिन मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन करने से बेहतर नतीजे सामने आते हैं. वहीं, कलाई की गंभीर चोटों की सर्जरी के बाद इंफेक्शन, नर्वस सिस्टम को नुकसान और कठोरता जैसे जोखिम से बचाने के लिए आर्थोपेडिक एक्सपर्ट की काउंसलिंग सबसे ज्यादा जरूरी बताया जाता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)