मिजोरम में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू का कहर, लगा हाईअलर्ट अब तक 174 सुअरों की हुई मौत

Swine Flu: मिजोरम में पहली बार 2021 में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू फैला था और तब से इसके फैलने की खबरें बार-बार आती रही हैं. मई 2023 और अप्रैल 2024 के बीच, राज्य में इस संक्रामक बीमारी से हजारों सूअरों की मौत हो गई.

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मिजोरम में एक बार फिर से बरपा स्वाइन फ्लू का कहर

मिजोरम सरकार ने राज्य में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू (एएसएफ) के फिर से फैलने के बाद हाई अलर्ट जारी कर दिया है. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. स्वाइन फ्लू से अब तक 174 सूअरों की मौत हो गई है.

पशुपालन एवं पशु चिकित्सा (एएचवी) विभाग के अधिकारियों के अनुसार, तीन जिलों - आइजोल, चम्फाई और सैतुअल - में एएसएफ के फैलने की पुष्टि की गई है.

विभाग ने तीनों जिलों के विभिन्न गांवों और इलाकों को संक्रमित क्षेत्र घोषित कर दिया है, और संक्रमित सूअरों के निर्यात या आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है. मिजोरम तथा दूसरे राज्यों के संक्रमित क्षेत्रों से सूअरों के आयात एवं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही स्वस्थ और बीमार दोनों प्रकार के सूअरों की बिक्री या वध पर भी रोक लगा दी गई है.

विभाग की एक अधिसूचना में कहा गया है कि मृत सूअरों को निर्दिष्ट क्षेत्रों में चूने के पाउडर के साथ दफनाया जाना चाहिए.

मिजोरम के पशुपालन एवं पशु चिकित्सा मंत्री सी. लालसाविवुंगा ने स्थिति की समीक्षा के लिए विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने सभी संबंधित पक्षों से सरकार के दिशानिर्देशों और निर्देशों का पालन करने की अपील की.

मिजोरम में पहली बार 2021 में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू फैला था और तब से इसके फैलने की खबरें बार-बार आती रही हैं. मई 2023 और अप्रैल 2024 के बीच, राज्य में इस संक्रामक बीमारी से हजारों सूअरों की मौत हो गई.

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एएचवी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि एएसएफ का प्रकोप ज्यादातर तब होता है जब मौसम गर्म होने लगता है और राज्य में प्री-मानसून बारिश शुरू हो जाती है.

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एएसएफ के प्रकोप के कारण मिजोरम में 2021-2023 के बीच कम से कम 47,269 सूअरों और पिगलेट की मौत हो गई है, जबकि इसी अवधि के दौरान कम से कम 25,182 सूअर मारे गए हैं.

राज्य में एएसएफ के प्रकोप के कारण 132.20 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है, जिससे 19,017 परिवार प्रभावित हुए हैं.

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विशेषज्ञों के अनुसार, एएसएफ का प्रकोप पड़ोसी म्यांमार, बांग्लादेश और पूर्वोत्तर के निकटवर्ती राज्यों से लाए गए सूअरों या सूअर के मांस के कारण हुआ हो सकता है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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