Causes And Symptoms Of Dyslexia : बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन ने हाल ही में एक बड़ी बीमारी का खुलासा किया है. अभिषेक ने बताया कि जब वह 9 साल के थे, तब उन्हें डिस्लेक्सिया नाम की बीमारी का सामना करना पड़ा. इस बीमारी के कारण उन्हें अक्षरों को पहचानने, लिखने और बोलने में कठिनाई होती थी. डिस्लेक्सिया के कारण ही अभिषेक बच्चन की पढ़ाई में काफी दिक्कतें आ रही थीं. अभिषेक ने कहा, "9 साल की उम्र में मुझे डिस्लेक्सिया का पता चला और मुझे एक यूरोपीय स्कूल में भेजा गया, लेकिन मुझे ग्रेजुएशन के बाद ही यह समझ में आया कि मैं डिस्लेक्सिक हूं. एजुकेशन के क्षेत्र में इस समस्या को पहचानना बहुत जरूरी है और धीमी गति से सीखने वाले बच्चों के बीच इस गैप को भी खत्म करना चाहिए."
अभिषेक ने बताया कि उन्होंने सही इलाज, थेरेपी और दवाओं के जरिए डिस्लेक्सिया पर जीत पाई और इस बीमारी को पीछे छोड़ते हुए, उन्होंने दुनिया के सामने एक नई मिसाल पेश की. अभिषेक बच्चन के अपनी बीमारी का खुलासा करने के बाद हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर डिस्लेक्सिया क्या होता है, और इसके लक्षण क्या हैं?
डिस्लेक्सिया के कारण और लक्षण (Causes And Symptoms Of Dyslexia)
क्या है डिस्लेक्सिया?
डिस्लेक्सिया (Dyslexia) एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो व्यक्ति के पढ़ने, लिखने, शब्दों को समझने और दूसरों की बातों पर ध्यान देने में परेशानी पैदा करता है. यह डिसऑर्डर व्यक्ति की सीखने की क्षमता को इफ़ेक्ट करता है, लेकिन इसका असर उसकी बुद्धि पर नहीं पड़ता. डिस्लेक्सिया से जूझ रहे व्यक्ति को पढ़ाई में प्रॉब्लम्स हो सकती हैं, लेकिन यह मेन्टल कैपेसिटी को नुकसान नहीं पहुंचाता. सही पहचान और ट्रीटमेंट से इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है और इस डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार सफलता प्राप्त कर सकते हैं.
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डिस्लेक्सिया के लक्षण?
पढ़ाई में कठिनाई : डिस्लेक्सिया से जूझ रहे व्यक्ति को पढ़ने में समय लगता है और वे शब्दों को उल्टा या गलत तरीके से पढ़ सकते हैं.
लिखाई में समस्याएं : वे सही ढंग से लिखने में मुश्किल महसूस करते हैं, अक्सर शब्दों की स्पेलिंग गलत होती है.
ध्यान की कमी : किसी चीज़ पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है, खासकर तब जब वह लंबे समय तक पढ़ाई या काम पर लगे रहने की जरूरत हो.
सुनने और समझने में दिक्कत : कुछ लोग दूसरों की बातें ठीक से समझ नहीं पाते और शब्दों की सही पहचान करने में परेशानी महसूस करते हैं.
स्पीच डिले : शब्दों को सही ढंग से उच्चारण करने में भी समस्या हो सकती है.
डिस्लेक्सिया का इलाज क्या है?
डिस्लेक्सिया का कोई पूरी तरह कोई इलाज नहीं है, लेकिन सही ट्रीटमेंट और सपोर्ट से प्रभावित व्यक्ति को इस परेशानी को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है. सबसे खास बात सही पहचान और समय पर उपचार है. ट्रीटमेंट में मुख्य रूप से स्पेशल एजुकेशन मेथड शामिल होती हैं, जो बच्चों को उनकी स्पीड से सीखने की पर्मिशन देती हैं.
एडवांस्ड ट्रीटमेंट मेथड में शब्दों को पहचानने, पढ़ने और लिखने के लिए अलग-अलग टेक्नीक्स का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे देखने और सुनने पर बेस्ड मेथड. इसके अलावा, थैरेपी जैसे स्पीच थैरेपी और ऑक्यूपेशनल थैरेपी, व्यक्ति की लैंग्वेज और मोटर स्किल्स को सुधारने में मदद करती हैं.
डिस्लेक्सिया के इलाज के लिए पर्सन ट्यूटर और स्पेशलिस्ट से गाइडेंस लेना बहुत फायदेमंद हो सकता है. इसके अलावा, परिवार और टीचर की सहानुभूति और सहयोग भी खास है. जो बच्चों को आत्मविश्वास और मानसिक समर्थन प्रदान करते हैं.
हालांकि डिस्लेक्सिया से प्रभावित व्यक्ति की बुद्धि सामान्य होती है, लेकिन यह उनके सीखने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है. समय पर पहचान और उपचार से इस विकार से निपटा जा सकता है.
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