बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए भूलकर भी न करें ये 6 काम

माता-प‍िता ये भूल जाते हैं कि बच्‍चों के सामने वो जो भी करते हैं उसका असर उनके कोमल मन पर भी पड़ता है.

बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए भूलकर भी न करें ये 6 काम

बच्‍चो के सामने भूलकर भी न लड़ें

खास बातें

  • काम का क‍ितना भी प्रेशर हो बच्‍चों के सामने संयम‍ित व्‍यवहार जरूरी है
  • चाहे कुछ भी हो जाए उनके सामने न ही लड़ें और न ही झूठ बोलें
  • बच्‍चों से छुटकारा पाने के ल‍िए उन्‍हें फोन पकड़ा देना और भी बुरा है
नई द‍िल्‍ली :

बच्चों की सेहत और परवरिश उनके परिजनों की जिम्मेदारी होती है. उनकी सेहत का, सही आहार का और सेहतमंद जीवनशैली की जिम्मेदारी परिजनों पर ही होती है. कई बार नए-नए परिजन बनने पर इन बातों का एहसास नहीं होता कि वे क्या गलत कर रहे हैं और उन्हें किस तरह से उनकी सेहत का ध्यान रखना है. किस तरह उनके आहार को सही दिशा दी जाए. बच्चों के विकास में कई चीजें बहुत अहम रोल निभाती हैं. बच्चों की परवरिश में सेहत के साथ जिस बात का सबसे ज्यादा ध्यान रखना होता है वह है उनका मानसिक विकास. 

माता-पिता ये भूल जाते हैं कि बच्‍चों के सामने वो जो भी करते हैं उसका असर उनके कोमल मन पर भी पड़ता है. हालांकि ये असर पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों तरह का हो सकता है. लेकिन चाहे हालात कैसे भी हों कुछ बातें ऐसी हैं जिन्‍हें बच्‍चों के सामने कभी नहीं कहना चाहिए: 

1. झूठ 
आप बच्‍चों के लिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं तो इसके कई वजहें हो सकती हैं. ऐसा ज्‍यादातर तब होता है जब करने के लिए बहुत कुछ हो और किसी एक चीज पर फोकस कर पानी मुश्किल हो जाए. लेकिन चाहे कुछ भी हो बच्‍चों से झूठ बोलना बिलकुल भी ठीक नहीं है. बच्‍चे इतने छोटे, मासूम और अनुभवहीन होते हैं कि वे समझ नहीं पाते हैं कि झूठ क्‍यों बोला गया. आपका एक झूठ उन पर क्‍या असर डाल सकता है कि इसका अंदाजा आपको तब होगा जब आपका बच्‍चा भी झूठ बोलना शुरू कर देगा. 

2. पार्टनर से झगड़ना 
पार्टनर पर भड़कना, गुस्‍सा करना, ज़ोर से बोलना और हिंसक होने से बच्‍चे बुरी तरह डर जाते हैं और असुरक्ष‍ित महसूस करने लगते हैं. बड़े होने पर वो भी ऐसी ही आदतें अपना लेते हैं. UNICEF की एक रिपोर्ट के मुताब‍िक बच्‍चों के सामने मारपीट करने और भड़कने से बड़े होकर वो भी अपने पार्टनर साथ के साथ ठीक वैसा ही बर्ताव करत हैं जैसे उनके माता-प‍िता एक-दूसरे के साथ करते थे. 

3. मजाक उड़ाना
बच्‍चों के साथ मजाक करना या उनकी मासूमियत का मजाक उड़ाना भले ही आपको मजेदार लगे, लेकिन इन सबका आपके बच्‍चे पर नेगेटिव असर पड़ सकता है. इससे बच्‍चे न सिर्फ खराब यादें बनाते हैं बल्‍कि काफी हद तक उनका आत्‍म व‍िश्‍वास भी  चकनाचूर हो जाता है. 

4. बच्‍चे से मार-पीट करना और भड़कना 
आपके बच्‍चे को आपकी देखभाल और प्‍यार की जरूरत होती है न कि गुस्‍से की. हो सकता है कि वो आपको गुस्‍सा दिलाएं लेकिन आपको अपना टेंपर नहीं खोना चाहिए और न ही उन पर हाथ उठाना या चिल्‍लाना चाह‍िए.  आप जितना उन पर भड़केंगे आपके सामने आने में उन्‍हें उतनी ही झिझक होगी. वो आपसे डरने लगेंगे और कोई बात भी शेयर नहीं करेंगे. 

5. जंक फूड खाना 
क्‍या बच्‍चे को दो मिनट में बनने वालू नूडल्‍स ख‍िलाने के बाद आपको अफसोस होता है? बच्‍चों को जंक या फास्‍ट फूड ख‍िलाना आसान भले ही हो, लेकिन हम सभी यह जानते हैं कि इस तरह के खाने में पोषक तत्‍व नहीं होते हैं जो आपके बच्‍चे के विकास के लिए बेहद जरूरी हैं. और तो और इस तरह के खाने की लत भी आसानी से लग जाती हैं और फिर बच्‍चों को इनकी क्रेविंग भी होने लगती है. ऐसे में बच्‍चों के सामने जंक फूड खाने से बचें. इससे उन्‍हें ये लगने लगता है कि जंक फूड खाना उनके लिए भी सही है. 

6. बच्‍चों के सामने फोन पर च‍िपके रहना 
बच्‍चे के साथ खेलने के बजाए हमेशा फोन पर च‍िपके रहना बुरी आदत तो है ही साथ ही यह बच्‍चे के साथ नाइंसाफी भी है. बच्‍चों से छुटकारा पाने के लिए उन्‍हें फोन या टैबलेट पकड़ा देना तो और भी खराब है. इन हरकतों से बच्‍चे अपने अंदर ये बात बैठा लेते हैं कि फोन या टैबलेट की स्‍क्रीन पर आंखे गड़ाए रहना पूरी तरह से ठीक है.


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