हरियाणा और कर्नाटक में H3N2 Influenza से 2 लोगों की मौंत, COVID से मिलते हैं पूरे लक्षण, जानें किन लोगों को ज्यादा रिस्क

H3N2 Influenza Deaths: देश में एच3एन2 वायरस के लगभग 90 मामले सामने आए हैं. एच1एन1 वायरस के आठ नए मामलों का भी पता चला है. पिछले कुछ महीनों में देश में फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं. ज्यादातर संक्रमण एच3एन2 वायरस के कारण होते हैं.

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Influenza Death: देश में H3N2 वायरस के लगभग 90 मामले हैं.

New Delhi:

H3N2 Influenza Cases: सरकार ने आज कहा कि एच3एन2 वायरस के कारण होने वाले इन्फ्लूएंजा से दो लोगों की मौत हो गई है. एक व्यक्ति की मौत हरियाणा और दूसरे की कर्नाटक में हुई है. बताया जा रहा है कि कर्नाटक के हासन में एक 82 वर्षीय व्यक्ति की एच3एन2 से मौत का पहला मामला था. अधिकारियों के अनुसार, किराए गौड़ा को 24 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 1 मार्च को उनकी मृत्यु हो गई. वह कथित तौर पर डायबिटीज के रोगी थे और हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित थे.

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देश में एच3एन2 वायरस के लगभग 90 मामले सामने आए हैं. एच1एन1 वायरस के आठ नए मामलों का भी पता चला है. पिछले कुछ महीनों में देश में फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं. ज्यादातर संक्रमण एच3एन2 वायरस के कारण होते हैं, जिसे "हॉन्गकॉन्ग फ्लू" के रूप में भी जाना जाता है. यह वायरस देश में अन्य इन्फ्लुएंजा सबटाइप की तुलना में अधिक अस्पताल में भर्ती होने का कारण बन रहा है.

भारत में अब तक एच3एन2 और एच1एन1 संक्रमण का पता चला है:

दोनों में कोविड जैसे लक्षण हैं, जिसने दुनिया भर में लाखों लोगों को संक्रमित किया और 68 लाख लोगों की मौत हुई. महामारी के दो साल बाद, बढ़ते फ्लू के मामलों ने लोगों में चिंता पैदा कर दी है. लक्षणों में लगातार खांसी, बुखार, ठंड लगना, सांस फूलना और घरघराहट शामिल हैं. मरीजों ने मतली, गले में खराश, शरीर में दर्द और दस्त की शिकायत की है. ये लक्षण लगभग एक हफ्ते तक बने रह सकते हैं.

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विशेषज्ञों के अनुसार, वायरस बहुत ज्यादा संक्रामक है और संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने और निकट संपर्क से फैलता है.

डॉक्टरों ने नियमित रूप से हाथ धोने और मास्क लगाने समेत कोविड जैसी सावधानियों को बरतने की सलाह दी है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) छींकने और खांसने के दौरान मुंह और नाक को ढंकने, बहुत सारा लिक्विड पीने, आंखों और नाक को छूने से बचने का आग्रह करता है.

पुरानी चिकित्सा समस्याओं के कारण कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के अलावा बड़े वयस्कों और छोटे बच्चों जैसे हाई रिस्क जोखिम वाले ग्रुप्स के लिए संक्रमण गंभीर हो सकता है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.