IVF Day 2024: इनफर्टिलिटी एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक दंपति नियमित असुरक्षित संभोग के बाद भी एक निश्चित समय अवधि तक गर्भधारण करने में असमर्थ रहते हैं. यह समस्या दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है और इसके न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक, मानसिक और आर्थिक प्रभाव भी होते हैं. इनफर्टिलिटी का सबसे प्रत्यक्ष प्रभाव पर्सनल लेवल पर महसूस किया जाता है. जो दंपति गर्भधारण करने में असमर्थ होते हैं, वे अक्सर निराशा, तनाव और अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं का सामना करते हैं. महिलाओं और पुरुषों दोनों को समाज द्वारा अपेक्षाओं के कारण आत्म-सम्मान में कमी, शर्मिंदगी और दोषी महसूस हो सकता है.
यह भी पढ़ें: क्या आईवीएफ से जन्मे बच्चों में बाद में हेल्थ और डेवलपमेंट प्रोब्लम्स होती है? जानिए मिथ्स और फैक्ट्स
सहायक प्रजनन तकनीकों से 10 मिलियन से ज्यादा बच्चे पैदा हुए:
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि सहायक प्रजनन तकनीकों (ART) के बाद दुनिया भर में 10 मिलियन से ज्यादा बच्चे पैदा हुए हैं और हर साल लगभग 2.5 मिलियन ART साइकिल की जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप हर साल लगभग 500,000 बच्चे पैदा होते हैं. हालांकि, इन आंकड़ों के बावजूद यह निराशाजनक है कि अभी तक आरटीआर से पैदा हुए बच्चों के लॉन्ग टर्म हेल्थ इफेक्ट्स के बारे में स्पष्टता नहीं हैं.
क्या आप जानते हैं इनफर्टिविटी से जुड़ी ये बातें?
इनफर्टिलिटी लाखों लोगों को प्रभावित करती है और इसका उनके परिवारों और कम्युनिटीज पर प्रभाव पड़ता है. अनुमान बताते हैं कि दुनिया भर में प्रजनन आयु के लगभग हर छह लोगों में से एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में गर्भधारण करने में परेशानी का अनुभव होता है.
पुरुष रिप्रोडक्टिव सिस्टम में गड़बड़ी सबसे आमतौर पर वीर्य के निष्कासन में समस्याएं, कम शुक्राणु, या शुक्राणु के असामान्य आकार और गति (गतिशीलता) के कारण होता है.
महिला रिप्रोडक्टिव सिस्टम में गड़बड़ी अंडाशय, गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और अंतःस्रावी तंत्र की कई असामान्यताओं के कारण हो सकता है.
यह भी पढ़ें: गर्भधारण करने में आ रही परेशानी को दूर करने के लिए किसी वरदान से कम नहीं है IVF तकनीक, जानें पूरी प्रक्रिया
गर्भधारण करने में कठिनाई प्राइमरी और सेकेंडरी हो सकता है. प्राइमरी इनफर्टिलिटी तब होता है जब किसी व्यक्ति द्वारा कभी गर्भधारण नहीं किया गया हो, और सेकेंडरी इनफर्टिलिटी तब होती है जब कम से कम एक बार पहले गर्भधारण किया गया हो.
फर्टिलिटी केयर में बांझपन की रोकथाम, निदान और उपचार शामिल है. ज्यादातर देशों में फर्टिलिटी केयर तक समान पहुंच एक चुनौती बनी हुई है; खासकर से लो और मीडियम आय वाले देशों में.
Monsoon में बीमारियों के संक्रमण से कैसे रहें सुरक्षित, बता रहे हैं हेल्थ एक्सपर्ट्स
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)