हिमाचल में CM सुक्खू ने DGP, SP शिमला समेत टॉप 3 अधिकारियों को क्यों छुट्टी पर भेज दिया?

विमल नेगी किन्नौर जिले के रहने वाले थे. नेगी का शव 18 मार्च को बिलासपुर जिले के भाखड़ा डैम से बरामद किया गया था. उनके परिवार ने 10 मार्च को ही उनके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
विपक्ष ने सरकार को घेरा
शिमला:

हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. मृतक के परिवार ने उनके सीनियर्स पर उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है. वहीं अब हिमाचल प्रदेश सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मामले में कड़ा एक्शन लिया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह और राजस्व) ओंकार चंद शर्मा, डीजीपी अतुल वर्मा और शिमला एसपी संजीव गांधी को मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा सीनियर अधिकारियों के साथ की गई बैठक के बाद छुट्टी पर भेज दिया गया है. 

ये भी पढ़ें : हिमाचल : झील में मिला इंजीनियर का शव, क्यों नहीं सुलझ रही हत्या की गुत्थी; अब CBI करेगी जांच

क्या है विमल नेगी की मौत का मामला

इंजीनियर विमल नेगी का शव 18 मार्च को बिलासपुर जिले के भाखड़ा डैम से बरामद किया गया था. उनके परिवार ने 10 मार्च को ही उनके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. नेगी की पत्नी किरण ने अन्य लोगों के अलावा निदेशक (इलेक्ट्रिकल) देश राज पर मुख्य इंजीनियर को परेशान करने और बिना किसी छुट्टी के उन्हें देर रात तक काम करने के लिए मजबूर करके आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था. 19 मार्च को न्यू शिमला के एक पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में किरण ने आरोप लगाया कि उनके पति को उनके सीनियर्स द्वारा अनुशासनात्मक जांच की धमकी दी गई थी.

आत्महत्या के लिए उकसाने और साझा इरादे से संबंधित प्रावधानों के तहत एक नई एफआईआर दर्ज करते हुए सीबीआई ने कहा कि किरण नेगी ने आरोप लगाया है कि उनके पति को पिछले छह महीने से विशेष रूप से पावर कॉरपोरेशन के निदेशक (इलेक्ट्रिकल) और प्रबंध निदेशक देश राज द्वारा परेशान किया जा रहा था. इस मामले को जांच एजेंसी को मामले को सौंपा जाना राज्य सरकार के लिए झटका माना गया, जिसे दोषियों को बचाने के कथित प्रयासों के लिए राजनीतिक हमलों का सामना करना पड़ा था.

Advertisement

ये भी पढ़ें : विमल नेगी मौत मामले की जांच अब CBI के हाथ, हिमाचल का कोई अफसर नहीं होगा शामिल

बैठक और विवाद की पृष्ठभूमि

मुख्यमंत्री सुखु ने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, एडवोकेट जनरल अनूप कुमार रतन और मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों के साथ यह बैठक की थी. चर्चा का मुख्य मुद्दा हिमाचल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के इंजीनियर विमल नेगी की मौत की रहस्यमयी परिस्थितियों और सीबीआई जांच से संबंधित था. इस मामले में राज्य सरकार को हाई कोर्ट से शो-कॉज नोटिस भी जारी किया गया है.

Advertisement

नए प्रभारों का बंटवारा

मुख्य सचिव: गृह और राजस्व विभाग का अतिरिक्त प्रभार अब कमलेश कुमार पंत को सौंपा गया है.

जल शक्ति विभाग: यह प्रभार संदीप वसंत को दिया गया 

आदिवासी विकास विभाग: यह जिम्मेदारी राखिल कहलोन को दी गई है

डीजीपी: डीजीपी अतुल वर्मा की जगह 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी अशोक तिवारी डीजीपी का प्रभार संभालेंगे. तिवारी वर्तमान में राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक हैं. डीजीपी वर्मा 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं.

Advertisement

शिमला एसपी: शिमला एसपी सोलन गौरव सिंह की जगह इस पद का अतिरिक्त प्रभार गौरव सिंह संभालेंगे.

सियासी और प्रशासनिक मंथन

यह कदम राज्य में प्रशासनिक और सियासी हलचल को दर्शाता है. सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री सुखु ने यह फैसला अधिकारियों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया है. हालांकि, विपक्ष ने इसे सरकार की नाकामी करार दिया है. हिमाचल में यह प्रशासनिक फेरबदल उस समय हुआ है, जब सरकार पहले से ही कई विवादों से घिरी हुई है. अब देखना यह है कि नए अधिकारियों के प्रभार संभालने के बाद राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में कितना बदलाव आता है.

Advertisement

Featured Video Of The Day
Iran Israel War: Russia की चाल में फंस गया America?| Ali Khamenei | X-Ray Report With Manogya Loiwal