Gujarat : गुजरात पुलिस विभाग में नौकरी हासिल करने के लिए शारीरिक या लिखित परीक्षा में शामिल हुए बिना नियुक्ति पत्र का वादा करके कम से कम 12 उम्मीदवारों को धोखा देने के आरोप में एक महिला और उसके दोस्त को सोमवार को गिरफ्तार किया गया. राजकोट के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी.उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए जोड़े की पहचान कृष्णा भारद्वा और उसके करीबी दोस्त जेनिश परसाना के रूप में की गई है. दोनों की उम्र 25-30 साल के बीच में है. भारद्वा जूनागढ़ की रहने वाली है, जबकि परसाना जामनगर निवासी है.राजकोट के पुलिस आयुक्त मनोज अग्रवाल ने कहा कि दोनों शहर के एक होटल के कमरे से कथित नौकरी दिलाने का गिरोह चला रहे थे. उन्हें सोमवार को गिरफ्तार किया गया.
अग्रवाल ने संवाददाताओं को बताया, “हमारी पुलिस को हाल ही में पता चला कि राजकोट में कुछ लोगों ने पुलिस सब-इंस्पेक्टर (पीएसआई) और लोक रक्षक दल (एलआरडी या कांस्टेबल) की भर्ती के लिए उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों से पैसे एकत्र किए थे. कम से कम 12 पीड़ितों ने दोनों को पैसे देने की बात स्वीकार की है. उनमें से कुछ को हाल ही में घोषित शारीरिक परीक्षण के परिणाम में उनका नाम नहीं आने पर अपने साथ हुए धोखे का पता चला.”
राज्य सरकार ने दिसंबर में सभी पीएसआई उम्मीदवारों का शारीरिक परीक्षण किया था और कुछ दिन पहले ही परिणाम घोषित किए थे.एलआरडी या कांस्टेबल की भर्ती के लिए शारीरिक परीक्षण अभी चल रहा है. पीएसआई और एलआरडी की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आने वाले महीनों में आयोजित की जाएगी.शुरुआती जांच में पता चला कि भारद्वा का तलाक हो चुका है और वह नैरोबी, केन्या में रहती थी.अग्रवाल ने कहा कि वह सोशल मीडिया के जरिए परसाना के संपर्क में आई और 2019 में वापस लौटी. वह तब से परसाना के साथ रह रही है.उन्होंने कहा, “दो महीने पहले, दोनों ने युवाओं से यह दावा करते हुए संपर्क करना शुरू किया था कि उनके प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ अच्छे संपर्क हैं. दोनों ने पीएसआई और एलआरडी की भर्ती के लिए फॉर्म भरने वाले 12 उम्मीदवारों से 15 लाख रुपये लिए. उन्होंने उनसे वादा किया कि उन्हें शारीरिक या लिखित परीक्षा के लिए उपस्थित हुए बिना नियुक्ति पत्र मिलेगा.”जब हाल ही में घोषित सूची में छह पीएसआई उम्मीदवारों के नाम नहीं आए तो उन्होंने महसूस किया कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है और पुलिस से संपर्क किया.