क्‍या है 16:8 डाइट, क्‍या वजन घटाने में वाकई है कारगर

सुबह के समय आपका मेटाबॉलिज्‍म और ब्‍लड शुगर बढ़ा हुआ होता है, यही कारण है कि आपको इस 8 घंटे के दौरान जो कुछ आप खाना चाहते हैं उसे खाने की अनुमति दी जाती है.

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वजन घटाने के दौरान जो कॉमन सलाह सबको दी जाती है वह यह है कि आपको व्रत नहीं करना है, क्योंकि इससे वेट बढ़ सकता है. रुक-रुक कर उपवास करने का एक रूप, जिसे 16:8 डाइट कहा जाता है मोटापे से ग्रस्त लोगों को वजन कम करने में मदद कर सकता है और उनके ब्‍लड प्रेशर को कम करता है. इसके अलावा, नुट्रिशन और हेल्‍दी एजिंग पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्ष बताते हैं कि यह डाइट चमत्कारिक रूप से काम करती है.

16:8 डाइट दिन के मध्य में आपके खाने को आठ घंटे तक सीमित कर देता है, उदाहरण के लिए, 10:00 से शाम 6:00 बजे तक. इस समय के दौरान, आप जो भी चाहें खा सकते हैं, बिना कैलोरी प्रतिबंधों के. आइए आपको बताते हैं 16:8 डाइट के बारे में.

 

क्‍या है 16:8 डाइट?
सुबह के समय आपका मेटाबॉलिज्‍म और ब्‍लड शुगर बढ़ा हुआ होता है, यही कारण है कि आपको इस 8 घंटे के दौरान जो कुछ आप खाना चाहते हैं उसे खाने की अनुमति दी जाती है. इस डाइट को अधिक प्रभावी माना जाता है यदि आपका टाइम-फ्रेम (8 घंटे) दिन के समय है. हालांकि, आपके दिन के बचे हुए 16 घंटों में आपको उपवास करना होता है, जिसमें आप पानी, ब्‍लैक टी, कॉफी ले सकते हैं.

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आइए आपको बताते हैं आठ घंटे के दौरान आपको क्‍या खाना चाहिए:

  • खूब पानी पीएं, ताकि आप अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहें.

  • नट्स, सेम, फल और सब्जियों जैसे फाइबर से समृद्ध खाद्य पदार्थ खाएं.

  • मछली, टोफू या नट्स सहित हाई प्रोटीन खाद्य पदार्थ खाएं.

  • आठ घंटे के दौरान जब आप खाना खा सकते हों और 16 घंटे के दौरान जब आप खाना नहीं खा रहे हों तो आप ब्‍लैक कॉफी, चाय, दालचीनी या लाइसोरिस हर्बल चाय ले सकते हैं. 3

क्‍या 16:8 डाइट वजन घटाने में है कारगर?
न्यूट्रिशन एंड हेल्थ एजिंग में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने मनुष्यों पर 16:8 डाइट के प्रभाव की जांच की है. 12 हफ्ते के परीक्षण के दौरान, 23 मोटापे से ग्रस्त वयस्कों ने खाने का समय 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक चुना, जिसके दौरान वो जो चाहे खा सकते थे.

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अध्ययन के अंत तक, शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रतिभागियों ने नियंत्रित समूह की तुलना में प्रतिदिन 350 कैलोरी कम लीं, वजन भी कम हुआ और सिस्टोलिक ब्‍लड प्रेशर में सुधार भी देखा गया.

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अध्ययन में निष्कर्ष निकाला गया कि परिणाम आशाजनक और दीर्घकालिक हैं, हालांकि, इस पर बड़े पैमाने पर अनुसंधान अभी भी आवश्यक है.

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गर्भवती महिलाओं और मधुमेह के रोगियों को इस डाइट से बचना चाहिए, क्योंकि 16 घंटे तक भूखे रहना उनके लिए हानिकारक हो सकता है.

 

आठ घंटे का वो ब्रैकेट, जिसमें आप जो भी चाहें खा सकते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि आप सभी चीजों का सेवन कर सकते हैं. बल्कि इसका मतलब यह है कि आपको अपने कैलोरी सेवन को सीमित करना होगा और यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपका पेट लंबे समय तक भरा रहे, खाद्य पदार्थों का चयन चतुराई से करें. यदि आप इस डाइट को अपना रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आपने डॉक्टर से सलाह ले ली हो.

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