Vaibhav Laxmi Vrat: मां दुर्गा की ही तरह माता लक्ष्मी के बहुत से स्वरूप हैं. इन्हीं में से एक स्वरूप मां वैभव लक्ष्मी का है. जब नाम ही वैभव और लक्ष्मी दोनों है तो फल क्या होगा ये समझा जा सकता है. हर शुक्रवार को मां वैभव लक्ष्मी का व्रत रखने की मान्यता है. व्रतधारियों को ये उम्मीद होती है कि मां वैभव लक्ष्मी उनकी मनोकामना पूरी करेंगी और उनके घर संसार को सुख और समृद्धि से भर देंगी.
कैसे करें पूजन?
वैभव लक्ष्मी व्रत के लिए आप सुबह का समय चुन सकते हैं या सूर्यास्त से पहले पूजन करना चाहिए. पूजन से पहले स्नान करें और फिर पूजा स्थल को स्वच्छ करें. चौक पूर कर उस पर पटा रखें. इस पटे पर आपको लाल वस्त्र बिछाना है. उस वस्त्र पर वैभव लक्ष्मी की प्रतिमा रखें. माता को पूजा करते समय लाल पुष्प अर्पित करते हैं. मां वैभव लक्ष्मी व्रत की कथा पढते हैं और फिर भोग लगाते हैं. मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना अनिवार्य माना जाता है.
क्यों लगता है खीर का भोग?
वैभव लक्ष्मी व्रत का पूजन कर रहे हैं तो खीर का भोग लगाना न भूलें, ये भोग माता के पूजन में शुभ माना जाता है. इस पूजन में चावल और दूध से बनी खीर का भोग लगता है. माना जाता है कि खीर गाय के दूध में बनी हो तो ज्यादा शुभ होगी.
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चावल की खीर का महत्व
यूं तो किसी भी तरह की खीर बना सकते हैं लेकिन चावल की खीर ज्यादा शुभ मानी जाती है. इसकी वजह है कि चावलों को पूजा के समय उपयोग करते हुए अक्षत कहा जाता है. जिसका अर्थ होता है जो कभी खत्म या क्षय नहीं होता. जिसका सीधा सा अर्थ ये है कि अक्षत से बनी खीर अर्पित कर आप उसके फल को अक्षय रख सकते हैं.
वैभव लक्ष्मी व्रत में क्या खा सकते हैं क्या नहीं?
वैभव लक्ष्मी का व्रत रखने वालों को शुद्ध और सात्विक भोजन करना चाहिए. आप इस व्रत में हर तरह के फल का सेवन कर सकते हैं. इसके अलावा आप कुट्टू या सिंघाड़े के आटे से बनी पूड़ी, आलू की सब्जी, दही खा सकते हैं.
भोजन बनाते समय सेंधा नमक और ताजे तेल का ही उपयोग करें.
कच्चे केले, लौकी और अरबी जैसे कंद भी खाए जा सकते हैं.
वैभव लक्ष्मी का व्रत करने वालों को और घर के सदस्यों को मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए.
जो लोग व्रत नहीं कर रहे वो फलाहार के अलावा भी सात्विक भोजन ही कर सकते हैं.