Best And Worst Foods For Thyroid: आज के समय में थायराइड एक ऐसी बीमारी बन गई है जिससे 10 में से 5 लोग ग्रसित हो ही जाते हैं, थॉयराइड जिसे एक ऐसी स्थिति के रूप में परिभाषित किया जाता है जब आपका थायराइड कुछ महत्वपूर्ण हार्मोनों को बहुत ज्यादा या बहुत कम बनाता है, तब इसे थायराइड रोग कहा जाता है. हाइपरथायरायडिज्म, हाइपोथायरायडिज्म, थायरॉयडिटिस और हाशिमोटो थायरॉयडिटिस से लेकर थायरॉयड के कई प्रकार होते हैं.
हाइपोथायरायडिज्म क्या है?
हाइपोथायरायडिज्म तब होता है जब थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त थायराइड हार्मोन नहीं बनाती है. इस स्थिति को अंडरएक्टिव थायराइड भी कहा जाता है. हाइपोथायरायडिज्म अपने प्रारंभिक चरण में ध्यान देने योग्य लक्षण पैदा नहीं कर सकता है. समय के साथ अगर हाइपोथायरायडिज्म का इलाज नहीं किया जाता है तो इससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं, जैसे हाई कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग से जुड़ी परेशानियां.
हाइपोथायरायडिज्म होने पर क्या खाएं (Diet For Hypothyroidism)
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बता दें कि कैसे हाइपोथायरायडिज्म की रोकथाम में आपकी डाइट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. उन्होंने बताया कि इंप्रॉपर आंत भी हाइपोथायरायडिज्म में योगदान देने वाला एक प्रमुख कारक हो सकता है. ब्लड टेस्ट और मेडिकल अटेंशन के अलावा अपनी डाइट में हेल्दी फूड आइटम्स को शामिल करके थायराइड को रोका जा सकता है.
थायराइड को कंट्रोल करने के लिए अच्छी क्वालिटी वाले ऐनीमल प्रोटीन का सेवन करना चाहिए जैसे अंडे, मटन, झींगा और मछली को अपने थायराइड डाइट में शामिल किया जा सकता है. आयोडीन से भरपूर समुद्री शैवाल (नोरी, केल्प, कोम्बू, वाकेम), मछली, शंख (कॉड, डिब्बाबंद ट्यूना, सीप, झींगा), आयोडीन युक्त लेबल वाले टेबल नमक, डेयरी (दूध, पनीर, दही), अंडे, बीफ लीवर और खाद्य पदार्थों का सेवन भी कर सकते हैं. थायराइड को स्वस्थ बनाए रखने के लिए चावल का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए. हालाँकि, यदि आपको भी टाइप-2 डायबिटीज है, तो रोजाना चावल का सेवन कम करें और अपनी डाइट में फलों को शामिल करें. अगर आपको थायराइड है तो गोइट्रोजेनिक खाद्य पदार्थ जैसे पत्तागोभी को शामिल करें और सप्ताह में एक या दो बार इनका सेवन करें, लेकिन सुनिश्चित करें कि ये ठीक से पके हों.
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थायराइड को रोकने और थायराइड की स्थिति बिगड़ने से रोकने के लिए ऐसे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए जो आंत में सूजन पैदा कर सकते हैं. इन खाद्य पदार्थों में सफेद चीनी, प्रोसेस्ड फूड जैसे नमकीन और बिस्कुट शामिल हैं, इनका सेवन करने से बचना चाहिए. इसके अलावा आपको ग्लूटेन युक्त अनाज का सेवन करने से भी बतना चाहिए क्योंकि ग्लूटेन कभी-कभी ऑटोइम्यून थायराइड का कारण बन सकता है.
थॉयराइड होने पर सूरजमुखी का तेल, सरसों का तेल, तिल का तेल या मूंगफली के तेल का इस्तेमाल करने से भी बचना चाहिए और इनकी जगह मक्खन, घी या नारियल तेल का इस्तेमाल करें. अगर आप डेयरी उत्पादों से एलर्जिक हैं तो इनका सेवन करने से भी बचें. आदर्श रूप से आपकी थायरॉइड समस्याओं के मूल कारण की पहचान करना इसकी रोकथाम की दिशा में एक आवश्यक कदम हो सकता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)