इन 5 लोगों को इस पीली दाल से रहना चाहिए दूर, शरीर को हो सकते हैं ये गंभीर नुकसान

Yellow Dal Health Risks: पीली दाल एक हेल्दी डाइट का हिस्सा हो सकती है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह दाल नुकसानदायक साबित हो सकती है. अगर आप नीचे बताई गई किसी भी श्रेणी में आते हैं, तो पीली दाल का सेवन कम करें या उससे पूरी तरह से बचें.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Yellow Dal Side Effects: पीली दाल में पोटैशियम, फास्फोरस और प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है.

Dal Khane Ke Nuksan: दाल हमारी थाली का एक जरूरी हिस्सा है और खासकर पीली दाल, जिसे अरहर या तुअर दाल भी कहा जाता है, बहुत लोकप्रिय है. यह प्रोटीन, फाइबर और विटामिन्स से भरपूर होती है और अक्सर स्वास्थ्य के लिए लाभकारी मानी जाती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कुछ लोगों के लिए यह दाल नुकसानदायक हो सकती है? यहां हम उन 5 खास लोगों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें पीली दाल से दूर रहना चाहिए, ताकि वे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकें.

अरहर या तुअर दाल से कौन से लोग करें परहेज? | Who Should Avoid Arhar Or Toor Dal?

1. किडनी रोग से ग्रस्त लोग

पीली दाल में पोटैशियम, फास्फोरस और प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है, जो किडनी पर दबाव डाल सकते हैं. किडनी रोगियों को अपनी डाइट में पोटैशियम और फास्फोरस का सेवन सीमित करने की सलाह दी जाती है. इन तत्वों का ज्यादा सेवन किडनी फेल्योर को बढ़ा सकता है, जिससे शरीर में टॉक्सिन्स जमा हो सकते हैं.

2. गैस्ट्रिक समस्या वाले लोग

पीली दाल में हाई फाइबर होता है, जो आमतौर पर पाचन तंत्र के लिए लाभकारी होती है. लेकिन, अंगर किसी व्यक्ति को गैस, एसिडिटी या पेट संबंधी समस्याएं हैं, तो पीली दाल का सेवन उसे और भी परेशान कर सकता है. दाल के साथ सही तरीके से मसाले और तेल का इस्तेमाल न करने से पेट में गैस और सूजन हो सकती है.

यह भी पढ़ें: इस चीज में होता है दूध से 5 गुना ज्यादा कैल्शियम? दूध पीना पसंद नहीं, तो इस बीज को खाना शुरू करें

3. गठिया के रोगी

पीली दाल में प्यूरीन नामक तत्व होते हैं, जो शरीर में यूरिक एसिड लेवल बढ़ा सकते हैं. यूरिक एसिड गठिया के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि यह जोड़ो में सूजन और दर्द को बढ़ा सकता है. ऐसे लोगों को दाल का सेवन सीमित करना चाहिए.

4. डायबिटीज के रोगी

पीली दाल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) होता है, जो ब्लड सुगर लेवल को प्रभावित कर सकता है. हालांकि दाल में हाई फाइबर होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद कर सकती है, लेकिन अगर डायबिटीज के रोगी इसे ज्यादा मात्रा में खाते हैं, तो इसका प्रभाव उनके शुगर लेवल पर हो सकता है. इन्हें दाल का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेकर ही अपनी डाइट प्लान करें.

Advertisement

यह भी पढ़ें: दूध के साथ मखाना खाने से मिलते हैं कमाल के स्वास्थ्य लाभ, नस-नस में भर जाएगी ताकत

5. एलर्जी वाले लोग

कुछ लोगों को दाल से एलर्जी होती है, खासकर जब उन्हें दाल से जुड़े प्रोटीन से समस्या हो. पीली दाल में 'लैक्टिन्स' होते हैं, जो कुछ व्यक्तियों में एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं. एलर्जी के लक्षणों में त्वचा पर चकत्ते, खुजली, सांस लेने में दिक्कत और पेट में क्रैम्प्स शामिल हो सकते हैं. ऐसे व्यक्तियों को दाल का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए और डॉक्टर से सलाह भी लेनी चाहिए.

Advertisement

Yoga For Concentration: बच्चों की एकाग्रता बढ़ाने वाले 5 बेहतरीन योग | Watch Video

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Farmers Rail Roko Protest: Punjab में किसानों का रेल रोको आंदोलन, Railway Track पर बैठे किसान