Sheetala Ashtami 2023: 14 या 15 मार्च को कब है शीतला अष्टमी? यहां जानें शुभ मुहूर्त और माता का भोग

Sheetala Ashtami 2023: शीतला अष्टमी का त्योहार हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. कई लोग इसे बसोड़ा के नाम से भी जानते हैं. पंचांगों के अनुसार होली के आठवें दिन इस त्योहार को मनाते हैं. इस साल यह त्योहार 15 मार्च दिन गुरुवार को मनाया जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
Sheetala Ashtami 2023: माता को लगता है बासी खाने का भोग.

Sheetala Ashtami 2023: शीतला अष्टमी का त्योहार हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. कई लोग इसे बसोड़ा के नाम से भी जानते हैं. पंचांगों के अनुसार होली के आठवें दिन इस त्योहार को मनाते हैं. इस साल यह त्योहार 15 मार्च दिन गुरुवार को मनाया जाएगा. इन दिन भक्तजन माता शीतला की विधि-विधान से पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता के पूजन और व्रत रखने से वो अपने भक्तों की रोगों से दूर रखती हैं और लंबी आयु की वरदान देती हैं. 

बासी खाने का भोग ( Baasi Khana Bhog)

वैसे तो भगवान को हमेशा शुद्ध और ताजे खाने का ही भोग लगाया जाता है, लेकिन इस दिन माता को बासी और ठंडे खाने का भोग लगाया जाता है. इस दिन घरों में चूल्हा नहीं जलाया जाता है. 

Chaitra Navratri 2023: कब से शुरू हो रहे हैं चैत्र नवरात्रि के व्रत, तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, जानें व्रत में क्या खाएं, क्या न खाएं, यहां देखें Vrat Recipe

Advertisement

शीतला अष्टमी डेट / शुभ मुहूर्त ( Sheetala Ashtami Date/ Shubh Muhurat)

बता दें कि शीतला अष्टमी की तारीख को लेकर भी इस बार लोगों के बीच कंफ्यूजन हैं. जहां कुछ लोग इसे 14 मार्च को मना रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसे 15 मार्च के दिन मनाएंगे. लेकिन पंचांग के अनुसार इस बार 15 मार्च को सुबह 12 बजकर 09 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 16 मार्च को रात 10 बजकर 04 मिनट पर समाप्त होगी. शीतला अष्टमी पूजन का उत्तम मुहूर्त सुबह 06 बजकर 20 मिनट से शाम 06 बजकर 35 मिनट तक है. इस शुभ मुहूर्त में ही माता की पूजा अर्चना की जाएगी. 

Advertisement

शीतला माता को भोग ( Sheetala Mata Bhog)

शीतला अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर नहा लिया जाता है. माता का भोग सप्तमी के दिन ही तैयार किया जाता है. इसलिए लोग सप्तमी की रात में माता का भोग तैयार कर लेते हैं. माता के भोग में विशेष रूप से हलवा, पूरी, गुड़ और गन्ने के रस से बनने वाला चावल और कहीं-कहीं माता को चावल और घी का भोग भी लगाया जाता है. बता दें कि इस दिन घरों में खाना नहीं बनता है बल्कि माता को चढ़ाये गए प्रसाद को ही ग्रहण कर लिया जाता है. 

Advertisement

Masik Shivratri 2023: चैत्र में इस दिन मनाई जाएगी मासिक शिवरात्रि, जानें इस व्रत के फलाहार में क्या खा सकते हैं आप

Advertisement

हलवा-पूरी ( Halwa-Puri)

माता को भोग में हलवे और पूरी का भोग लगाया जाता है. आप सप्तमी की रात में ही रवे का हलवा और पूरी बनाकर तैयार कर लें और माता को भोग अर्पित करें. 

Chaitra Navratri 2023: इस दिन से शुरू होंगी चैत्र नवरात्र, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और रेसिपीज

गुड़ / गन्ने के रस के चावल ( Jaggery / Sugarcane juice Rice)

माता रानी को भोग के रूप में गुड़ और गन्ने के रस के चावल भी बनाएं जाते हैं. अगर आप गुड़ के चावल बनाते हैं तो पानी में गुड़ और घी डालकर उसमें चावल को पकाया जाता है. वहीं गन्ने के रस में चावल पकाने के लिए आप चावल को गन्ने के रस के साथ पकाएं और उसमें हरी इलायची और घी डालकर मिक्स करें. 


 

Featured Video Of The Day
Mohammed Shami Energy Drink Controversy: शमी ने निभाया 'धर्म'... मौलाना नहीं समझे मर्म!
Topics mentioned in this article