Shardiya Navratri 2024: आज 3 अक्तूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरूआत हो गई है जो, 11 अक्टूबर को नवमी पूजन के साथ समाप्त होगी. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, आश्विन माह में शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है. नवरात्रि (Navratri) के समय मां दुर्गा के 9 रूपों की की पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है कि नवरात्रि (Navratri) के समय माता धरती पर अवतरित होती हैं. भक्त मां की भक्ति भाव से आराधना करते हैं. माता को तरह-तरह की चीजों का भोग लगाते हैं. लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जिनको भूलकर भी माता को नहीं चढ़ाना चाहिए. तो चलिए जानते हैं उन चीजों के बारे में.
नवरात्रि में मां दुर्गा को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए? What should not be offered to Maa Durga during Navratri?
1. पुराने फल-
माता रानी की पूजा में ताजे फल चढ़ाना चाहिए. घर में रखे कई दिन के बासी फलों को भोग में नहीं चढ़ाना चाहिए.
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2. अपवित्र फूल-
माता की पूजा में फूल खासतौर पर चढ़ाए जाते हैं लेकिन, माता की पूजा के लिए कभी भी अपवित्र स्थान से लाए फूलों का उपयोग नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि देवी को नीचे गिरे फूलों को भी नहीं चढ़ाना चाहिए.
3. तुलसी-
नवरात्रि के दौरान माता की पूजा में भूलकर तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाना चाहिए. ये माता की पूजा में वर्जित मानी जाती है.
4. तामसिक भोजन-
नवरात्रि में भूलकर भी तामसिक भोजन का सेवन न करें. इस दौरान सात्विक चीजें का ही सेवन करें.
शारदीय नवरात्रि तिथि- (Shardiya Navratri 1st Day Tithi)
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि में कलश स्थापना कर नवरात्रि की शुरुआत होती है. पंचांग के मुताबिक, इस साल 3 अक्तूबर को 12 बजकर 19 मिनट से लेकर 4 अक्टूबर को दोपहर 2 बज कर 58 मिनट तक प्रतिपदा तिथि रहेगी. उदया तिथि के मुताबिक, 3 अक्तूबर यानी गुरुवार को कलश स्थापना कर शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ किया जाएगा.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)