September 2024 Festivals List: रक्षाबंधन और श्री कृष्ण जन्माष्टमी जैसे बड़े त्योहारों के साथ अगस्त का महीना खत्म होने जा रहा है. अगस्त की तरह सितंबर माह भी व्रत और त्योहारों से भरा हुआ होने वाला है. इस महीने हरतालिका तीज और गणेश चतुर्थी समेत कई बड़े त्योहार मनाए जाएंगे. इसके अलावा सितंबर में ही पितृपक्ष भी रहेगा. हिंदू धर्म में कोई भी कार्य शुभ मुहूर्त में ही किया जाता है. व्रत-त्योहार के दिन भी शुभ मुहूर्त में ही पूजा-अर्चना करना चाहिए क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इससे अधिक मंगलकारी फल मिलता है. आज हम आपको सितंबर माह में पड़ने वाले प्रमुख तीज-त्योहार की तिथि से लेकर शुभ मुहूर्त और स्पेशल भोग के बारे में बता रहे हैं.
सितंबर के व्रत त्योहार और भोग- (September 2024 Festivals And Bhog Recipe)
1. हरतालिका तीज- (Hartalika Teej 2024)
वैदिक पंचांग के मुताबिक भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज व्रत रखा जाता है. इस साल 5 सितंबर को 10 बज कर 4 मिनट से तृतीया तिथि की शुरुआत होगी और 6 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 8 मिनट पर खत्म होगा. उदयाकालिक तृतीया तिथि के आधार पर 6 सितंबर को हरतालिका तीज व्रत रखा जाएगा. 6 सितंबर को सुबह 6 बजकर 2 मिनट से 8 बजकर 33 मिनट तक हरतालिका तीज व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त है.
हरतालिका तीज पर भोग के लिए बनाएं ये चीजें-
हरतालिका तीज में देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है. काला चना और गुड़-घी मिलाकर इन दो चीजों का भोग लगा सकते हैं. इसके अलावा गुझिया, मालपुआ और खीर का भी भोग लगा सकते हैं.
2. गणेश चतुर्थी- (Ganesh chaturthi 2024)
वैदिक पंचांग के मुताबिक भाद्रपद माह की चतुर्थी को गणेश पूजा की शुरुआत होती है. इस साल 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 2 मिनट से इस तिथि की शुरुआत होगी. 7 सितंबर को शाम 5 बजकर 38 मिनट पर चतुर्थी तिथि का अंत होगा. उदया तिथि के आधार पर गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को मनाया जाएगा. 7 सितंबर को सुबह 11 बजकर 2 मिनट से दोपहर 1 बज कर 33 मिनट तक मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त है.
गणेश चतुर्थी स्पेशल भोग-
गणेश जी को मोदक सबसे ज्यादा प्रिय है. इसीलिए गणेश उत्सव पर भगवान को मोदक का भोग लगाया जाता है. मोदक के साथ मेवे और चरणामृत का भी भोग लगा सकते हैं.
3. विश्वकर्मा पूजा- (Vishwakarma puja 2024)
हर साल भाद्रपद माह में सूर्यदेव के कन्या राशि में गोचर करने की तिथि को विश्वकर्मा पूजा मनाया जाता है. ज्योतिषियों के मुताबिक, 16 सितंबर को सूर्यदेव कन्या राशि में गोचर करेंगे इसलिए इस दिन ही विश्वकर्मा पूजा मनाया जाएगा. 16 सितंबर को सुबह 11 बजकर 51 मिनट से 12ब जकर 40 मिनट तक विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा.
विश्वकर्मा पूजा इन चीजों का लगाएं भोग-
भगवान विश्वकर्मा को भोग में पंचामृत के अलावा चावल की खीर का भोग लगा सकते हैं.
4. पितृपक्ष-(Pitru Paksha 2024)
पितरों के आत्मा की शांति के लिए पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है. हर साल भाद्रपद माह के पूर्णिमा से पितृपक्ष की शुरुआत होती है और अमावस्या को समापन. इस साल पितृपक्ष की शुरुआत 17 सितंबर को होगी और 2 अक्टूबर को अंत होगा. दोपहर करीब 12 बजे श्राद्ध किया जा सकता है. कुतुप और रोहिणी मुहूर्त इसके लिए सबसे अच्छा माना जाता है.
पितृपक्ष में क्या बनाएं-
पितृ पक्ष में पिंडदान किया जाता है जो पितरों के लिए भोजन के समान होता है. फूले हुए चावल को कूट कर पिंड तैयार किया जाता है. इस दौरान मांस मदिरा का सेवन नहीं किया जाता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)