Sawan 2024: इस साल 22 जुलाई से सावन के महीने की शुरुआत हो रही है. बेहद अच्छा संयोग है कि इस बार सावन की शुरुआत सोमवार से हो रही है. ऐसे में जो लोग सोमवार का व्रत रखते हैं, वो 22 जुलाई तो पहले सोमवार का व्रत करेंगे. इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ेंगे. सावन के व्रत के दौरान कुछ लोग दिन भर बस पानी पीकर रहते हैं तो वहीं कुछ फलाहार पर. अगर आप फलाहार करते हैं या शाम को एक बार फलाहारी भोजन खाते हैं तो आपको ऐसी चीजों को खाने में शामिल करना चाहिए जिससे न सिर्फ आपका पेट भरे बल्कि एनर्जी भी मिले. चाहिए आपको कुछ पारंपरिक फलाहारी डिशेज के बारे में बताते हैं जिन्हें आप सोमवार व्रत में बना सकते हैं.
सावन सोमवार के व्रत के लिए ट्रेडिशनल फलाहारी रेसिपीज (Traditional Phalahari Recipes for Sawan somwar Fast)
साबूदाना खिचड़ी
सावन व्रत के दौरान सबसे लोकप्रिय व्यंजनों में से एक है साबूदाना खिचड़ी. भीगे हुए साबूदाना, मूंगफली और आलू से बनी ये डिश जीरे और हरी मिर्च के स्वाद के साथ न केवल टेस्टी होती है, बल्कि उपवास के दौरान ज़रूरी एनर्जी भी देती करता है. साबूदाना को नरम करने के लिए रात भर भिगोया जाता है, फिर मसालों के साथ भूना जाता है और अच्छी तरह पकाया जाता है. बाद में, ताज़े धनिया के पत्तों से गार्निश करके दही या चटनी के साथ गरमा गरम परोसें.
सिंघाड़े का हलवा
हलवा पूरे भारत में लोकप्रिय है और उपवास के दौरान सिंघाड़े का हलवा एक पॉपुलर ऑप्शन बन जाता है. हलवा बनाने के लिए सिंघाड़े के आटे को घी में तब तक भूनकर तैयार किया जाता है जब तक कि यह सुगंधित और गोल्डन ब्राउन न हो जाए. फिर एक चिकनी कंसिस्टेंसी प्राप्त करने के लिए पानी या दूध के साथ चीनी या गुड़ मिलाया जाता है. एक बार जब यह पक जाए, तो इसे कटे हुए मेवों से गार्निश करें.
आलू जीरा
अगली डिश जिसे आप ट्राई कर सकते हैं वह है आलू जीरा, यह एक सिंपल लेकिन टेस्टी डिश है जिसे आमतौर पर हर घर में सावन व्रत के दौरान बनाया जाता है. कटे हुए आलू को मसालों के साथ तड़का लगाया जाता है और फिर नरम होने तक पकाया जाता है और आखिर में कटी हुई धनिया पत्ती से सजाया जाता है. आलू जीरा, कुट्टू की पूरी या समा चावल के साथ भी खाया जा सकता है.
कुट्टू की पूरी
कुट्टू के आटे से बनी पूरी सावन सोमवार के व्रत में बनाई जा सकती है. इन पूरी को छोटे-छोटे गोल आकार में बेलकर तब तक डीप फ्राई किया जाता है जब तक कि वे फूलकर गोल्डन ब्राउन कलर की न हो जाएं. वे हल्के, कुरकुरे होते हैं और आलू की सब्जी के साथ मजेदार लगते हैं.
फलाहारी कढ़ी
सावन व्रत के दौरान, फलाहारी कढ़ी दही, सिंघाड़े के आटे और जीरा, अदरक और हरी मिर्च जैसे मसालों के साथ बनाई जाती है. इसे अक्सर ताजे धनिया पत्तों से गार्निश कर सर्व करें. आप इसे कुट्टू की पूरी या समा चावल के साथ खा सकते हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)