Saag Benefits: सर्दियों के आते ही सरसों का साग घर की रसोई में खुशबू बिखेरने लगता है. यह सिर्फ स्वादिष्ट नहीं, बल्कि पूरे शरीर के लिए एक स्वास्थ्य कवच की तरह है. आयुर्वेद के अनुसार यह शरीर की आंतरिक गर्मी को बनाए रखता है. आयुर्वेद सरसों के साग को शरीर के लिए लाभदायी बताते हुए इसके औषधीय गुणों पर रोशनी डालती है. सरसों के पत्ते गर्म प्रकृति के होते हैं, जो ठंड के मौसम में बढ़े हुए वात और कफ दोष को संतुलित करते हैं. यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है और शरीर में आंतरिक गर्माहट बनाए रखता है, जिससे सर्दी-जुकाम और जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं से राहत मिलती है.
सरसों के साग में पाए जाने वाले पोषक तत्व
सरसों का साग पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें विटामिन ए, सी, के और ई के साथ फोलेट, आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. ये तत्व आंखों की रोशनी, इम्युनिटी, हड्डियों की मजबूती और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी हैं.
इसके अलावा, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और ग्लूकोसाइनोलेट्स शरीर को डिटॉक्स करने और कोशिकाओं की रक्षा करने में मदद करते हैं. आयुर्वेद में इसे बल्य और रसायन माना गया है, जो रक्त संचार सुधारता है, मानसिक सुस्ती दूर करता है और स्फूर्ति देता है.
सरसों का साग बनाने का तरीका
सरसों का साग बनाने का तरीका आसान है. ऐसे बनाएं कि इसके पोषक तत्व बरकरार रहें. सरसों के पत्तों में थोड़ा बथुआ या पालक मिलाएं. ज्यादा उबालने से बचें और धीमी आंच पर पकाएं. तड़के में देशी घी, लहसुन, अदरक और हींग, जीरा का इस्तेमाल कर सकते हैं. मक्की की रोटी के साथ इसे खाना सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि संयोजन पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है और स्वाद को दोगुना कर देता है.
सामग्री
- 1 1/2 किलो सरसों के पत्ते
- 250 ग्राम पालक
- 250 ग्राम बथुआ साग
- 50 ग्राम मकई का आटा
- 4 हरी मिर्च, कटी हुई
- 20 लहसुन कलियां
- 3 बड़ा प्याज
- 2 इंच अदरक
- 1 टी स्पून हल्दी
- 1 कप पानी
- टेबल स्पून 4
सबसे पहले, साग को साफ करके काट लें और धो लें. अब एक प्रेशर कुकर या पैन में मकई के आटे को छोड़कर सारी सामग्री डालकर इसे उबालें और 6-7 मिनट के लिए इसे ढककर पकाएं. अगर आप इसे बनाने के लिए कड़ाही का इस्तेमाल कर रहे है, तो इसे ढक दें और साग पूरी तरह पकने तक पकने दें. कभी-कभार बीच में चलाएं. अब एक ब्लेंडर में साग के साथ मकई के आटा डालकर इसे ब्लेंड कर लें. एक दूसरे पैन में, पका हुआ साग डालें और 25-30 मिनट के लिए फिर से पकाएं.
तड़का बनाने के लिए:
एक छोटे पैन में घी गर्म करें. इसमें कटी हुई प्याज डाले और लाइट ब्राउन होने तक फ्राई करें. इसमें पका हुआ साग डालें. इसे पकने दें और बीच में चलाते भी रहें. गरमागरम सरसों का साग कटी हुई प्याज, साबुत हरी मिर्च, मक्खन या देसी घी डालकर मक्की की रोटी के साथ सर्व करें.
खाने का सही तरीका
सरसों के साग को दोपहर के भोजन में गर्म-गर्म खाना सबसे फायदेमंद होता है. इसे ठंडी चीजों जैसे दही के साथ न लें. सरसों का साग कमजोर पाचन वाले लोगों को सीमित मात्रा में लेना चाहिए. थायरॉइड की समस्या या पथरी के मरीज इसे अधिक मात्रा में न खाएं, क्योंकि इसमें गोइट्रोजेंस और ऑक्सालेट्स मौजूद होते हैं.
आयुर्वेद विशेषज्ञ बताते हैं कि सर्दियों में सुपरफूड सरसों के साग की संतुलित मात्रा में सेवन से इम्युनिटी मजबूत होती है और मौसमी बीमारियों से बचाव होता है.
History of Samosa- Swaad Ka Safar | समोसे का इतिहास | जानें ईरान से भारत कैसे पहुंचा समोसा
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














