Swaad Ka Safar: जानिए कैसे मीलो लंबा सफर तय कर भारत पहुंचा आलू, यहां जानिए आलू का इतिहास

Swaad Ka Safar: आपको सुनकर हैरानी हो रही होगी लेकिन भारतीयों की पसंदीदा सब्जी आलू का जन्म इंडिया में नही हुआ था. तो आइए जानते हैं कि आलू सबसे पहले कहा से आया था. 

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आलू को भारत आने में मीलों का सफर तय करना पड़ा है. potato history,aloo ka itihass,aloo khane ke fayde

एक बार एक आलू ने भिंडी को फोन करके कहा-I Love You..!
भिंडी को आया बहुत गुस्सा, उसने आलू को बहुत खरी खोटी सुनाई..!!
बोली-----
तुम इतने मोटे और सस्ते, मैं इतनी स्लिम और सेक्सी..!!
आलू का तो बस दिल ही टूट गया..! तब से, फिर आलू ने इतनी सब्ज़ियों से दोस्ती की आप खुद
 देख सकते हैं..!

  • आलू - गोभी
  • आलू - बैगन
  • आलू - शिमला मिर्ची
  • आलू - पालक
  • आलू - मटर
  • आलू - छोले
  • आलू - मेथी

ताजी सब्जी से ज्यादा महंगी मिलती है ये सूखी सब्जी, कुछ ग्राम ही खरीदते हैं लोग, क्या आपको पता है इस सब्जी का नाम

तब से भिंडी अकेली रह गई है. जी हां वही आलू जिसे लोग सब्जियों का राजा मानते हैं. अक्सर देखा जाता है कि जब घर में कोई सब्जी नहीं होती तो लोग आलू की सब्जी बना लेते हैं. आलू का इस्तेमाल कई तरह के व्यंजन बनाने में किया जाता है जो ज्यादातर लोगों की पसंदीदा डिश होती है. आलू के पराठे हो, पकौड़े हो या फिर आलू की सब्जी इस सब्जी को अलग-अलग व्यंजनो में अलग-अलग तरीकों से इसका इस्तेमाल किया जाता है. सब्जी तो सब्जी इस पर तो हमारे यहां गाने भी बन चुके हैं. इस आलू को हमने सभी सब्जियों के साथ मिलाकर खाया है जिसे हमने अपने दिलों में सजाया है क्या आपको पता है कि ये आलू अपना नही पराया है.  

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आपको सुनकर हैरानी हो रही होगी लेकिन भारतीयों की पसंदीदा सब्जी आलू का जन्म इंडिया में नही हुआ था. तो आइए जानते हैं कि आलू सबसे पहले कहा से आया था. 

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आलू का इतिहास ( History of Potato)

आलू का इतिहास काफी पुराना और रोचक है. दक्षिण अमेरिका के पेरू में करीब सात हजार साल से इसकी खेती होती आ रही है. आलू की खेती सबसे पहले मध्य पेरू में शुरू हुई थी. उस समय वहां आलू का नाम 'कामाटा' और 'बटाटा' था. स्पेन 16वीं सदी में इसे यूरोप लेकर आया, जहां इसका नाम 'पोटैटो' रखा गया. कहते हैं कि कोलम्बस जब दुनिया की यात्रा में निकला तो अपने साथ आलू लेकर निकला. लेकिन भारत में आलू को यूरोपीय और डच व्यापारी अपने साथ 15 वी शताव्दी में भारत लेकर आए थे. यहां ईस्ट इंडिया कंपनी ने आलू के बिजनेस में अपना फायदा देखा और 18 वी सदी में भारत में इसकी खेती शुरू हो गई. खेतो में अब आलू की ही फसल नज आने लगी थी. भारतीय लोगों ने भी आलू को खूब पसंद किया और इससे अलग-अलग तरह की डिश बनाने लगे. ब्रिटिशर्स जब कलक््ता में थे तो हर बंगाली डिश में आलू का इस्तेमाल किया जाने लगा और इसे फाइनल टच दिया नवाब वाजिद अली शाह ने. जब नवाब लखनऊ से कोलकाता पहुंचे तो उनके शाही खानसामे ने आलू को शाही पकवानो में शामिल किया. और तब से सिर्फ कलकत्ता में ही नहीं भारत कि हर कोने में कई डिश में आलू का कब्जा हो गया.

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आलू का इतिहास | जानिए कैसे मीलो लंबा सफर तय कर भारत पहुंचा आलू | History of Potato

आलू की किस्में ( Types of Potato )

शुरुआत में इसकी तीन किस्में थीं - पहली किस्म के आलू का नाम फुलवा था, जो मैदानी इलाकों में उगता था। वहीं, दूसरे का नाम गोला था, क्योंकि वो आकार में गोल होता था और तीसरे आलू का नाम साठा था, क्योंकि वो 60 दिन बाद उगता था. लेकिन आज दुनियाभर में आलू की 4,000 से अधिक किस्में हैं. आलू उत्पादन में चीन और रूस के बाद भारत का नंबर आता है. भारत में आलू उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा,मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यो में प्रमुख रुप से उगाया जाता है.

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आलू की खासियत ( Potato Benefits)

आलू की खासियत की बात करें तो इसमें 70% पानी और 20% कार्बोहाइड्रेट होता है. इसके अलावा आलू में विटामिन सी, पोटैशियम,कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन बी6 और फाइबर भी पाया जाता है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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