Panipuri Stall Vs Corporate Job: कॉमेडियन ने कॉर्पोरेट नौकरी के बजाय पानीपुरी स्टाल खोलना क्यों बताया बेहतर, सच्चाई जान हैरान हुए यूजर

Panipuri Viral Video: वीडियो में, कॉमेडियन अनमोल गर्ग ने अरुण जोशी की कहानी से प्रेरणा ली और लोगों को नए बिजनेस का आइडिया दिया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Panipuri Viral Video: पानीपुरी स्टॉल खोलना कॉर्पोरेट नौकरी से अच्छा.

सोशल मीडिया पर एक कॉमेडियन का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह दर्शकों को यह समझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि पानी पुरी का स्टॉल लगाना कॉर्पोरेट जॉब करने से कहीं बेहतर और फायदेमंद है. वीडियो में, कॉमेडियन अनमोल गर्ग ने अरुण जोशी की कहानी से प्रेरणा ली है, जो एक पूर्व पानीपुरी वेंडर से मुंबई के सफल स्ट्रीट-फूड उद्यमी बने. अपनी क्लिप में, कॉमेडियन ने भावुक होकर कॉर्पोरेट 9 से 5 की नौकरी करने वालों की तुलना में पानीपुरी वेंडर के गुणों के बारे में बात की. श्री जोशी की प्रेरक यात्रा का हवाला देते हुए, कॉमेडियन ने तर्क दिया कि पानीपुरी कामगार अपने कॉर्पोरेट काउंटर की तुलना में बेहतर बिजनेसमैन हैं.

कॉमेडियन ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि पानीपुरी बेचना कितना आकर्षक वेंचर है. गर्ग के अनुसार, एक पानीपुरी स्टॉल ऐसे फायदे प्रदान करता है जिनकी तुलना कॉर्पोरेट नौकरियां आसानी से नहीं कर सकतीं. उनका कहना है कि कॉर्पोरेट नौकरियों के विपरीत जहां कस्टूमर को आकर्षित करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, पानीपुरी वेंडर के पास कस्टूमर आते हैं. इसके अलावा, पानी पुरी वेंडर के लिए कोई कठोर छुट्टी नीति नहीं है- वे जब चाहें तब छुट्टी ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि बहुत से लोग इन फायदों के बारे में जानते हैं, लेकिन इस डर से इस व्यवसाय को नहीं अपनाते कि समाज क्या सोचेगा और क्या कहेगा. कॉमेडियन का निष्कर्ष? हर किसी को पानीपुरी स्टॉल खोलने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि यह वित्तीय सफलता और स्वतंत्रता की संभावना प्रदान करता है जिसकी कॉर्पोरेट नौकरियों में अक्सर कमी होती है.
ये भी पढ़ें: "उर्फी की नई कार" वायरल वीडियो में कार को चिप्स के पैकेट से ढका दिखाया गया, इंटरनेट देख बोला...

यहां देखें वीडियो:

Advertisement

यहां बताया गया है कि व्यूअर कमेंट सेक्शन में वीडियो पर कैसे रिएक्सन दे रहे हैं:

एक यूजर ने लिखा, “डोसा स्टॉल लगाने का समय आ गया है.” एक अन्य ने कमेंट की, “बचपन से पानीपुरी का स्टॉल लगाना मेरा सपना रहा है. मुझे आश्चर्य है कि मैं आईटी में कैसे फंस गया.”

Advertisement

ये भी पढ़ें: Artificial Intelligence For Meal: केएफसी, टैको बेल खाना तैयार करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ करेंगे एक्सपेरिमेंट

Advertisement

एक कमेंट में लिखा गया, “पानीपुरी और चाय बेचने वाले जिंदाबाद.” एक यूजर ने शेयर किया, “बिल्कुल सच. मैं एक बार एमपी में एक कोयला खदान में गया था, डंपर ड्राइवर की तनख्वाह अच्छी थी!!''

Advertisement

आप इस बिजनेस आइडिया के बारे में क्या सोचते हैं? कमेंट सेक्शन में अपने आइडिया शेयर करें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Donald Trump: इस बार किस बात को लेकर ट्रंप ने भारत को धमकाया? | Trade War | NDTV Duniya