भोजन को सेवा और प्रेम का जरिया मानते थे नीम करोली बाबा, आज भी प्रचलित हैं भोजन की कई कहानियां और चमत्कार

Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा को भोजन से काफी लगाव था. वह इसे सेवा और प्रेम का जरिया कहा करते थे. उन्हें भक्तों के यहां खाना काफी पसंद था. बता दें, भोजन से जुड़ी उनकी कई कहानियां और चमत्कार हैं, जो आज भी प्रचलित हैं. आइए जानते हैं.

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Neem Karoli Baba: भोजन को सेवा और प्रेम का जरिया मानते थे नीम करोली बाबा.

हर साल 16 अक्टूबर को वर्ल्ड फूड डे (World Food Day) मनाया जाता है. इसे हर साल यूनाइटेड नेशन के फूड एंड एग्रिक्लचर ऑर्गनाइजेशन (FAO) द्वारा आयोजित किया जाता है. इसे हर साल एक खास थी के साथ मनाया जाता है. इसी बारे में आज हम एक ऐसे संत के बारे में बात कर रहे हैं जिनका खाने से खास जुड़ाव था. हम बात कर रहे हैं नीम करोली बाबा की. नीम करोली बाबा भारत के सबसे पूजनीय संतों में से एक हैं, जो अपनी सादगी, असीम प्रेम और दिव्य ज्ञान के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. बता दें, उनका भोजन से खास जुड़ाव रहा है. वह मानते थे कि भोजन एक सेवा और प्रेम का माध्यम है, जो खाने से कहीं बढ़कर है. उनका मानना था कि किसी भी भूखे इंसान को भोजन कराना पुण्य कमाने का जरिया है. बता दें, चाहे बच्चों के साथ जलेबी बांटना हो, किसी भक्त के घर खीर खाना हो, या चमत्कारिक रूप से कम भोजन में सैकड़ों लोगों का पेट भरना हो. उनकी भोजन से जुड़ी कई कहानियां और चमत्कार आज भी प्रचलित हैं. आइए जानते हैं, इस बारे में.

नीम करोली बाबा और भोजन से लगाव- (Neem Karoli Baba and his love for food)

नीम करोली बाबा भोजन को सेवा और प्रेम का माध्यम कहते थे. वह अपने भक्तों के द्वारा बनाए गए भोजन को काफी प्रेम से खाया करते थे. वह किसी के घर भोजन करना एक आशीर्वाद मानते थे. 

बाबा को पसंद थी जलेबी-

नीम करोली बाबा की पसंदीदा मिठाइयों में से एक जलेबी थी, जिसे अक्सर कैंची धाम में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है. कई खास अवसरों भक्तों ने देखा कि जलेबियों से भरी बाल्टियां चमत्कारिक रूप से बड़ी भीड़ को प्रसाद के रूप में बांटी जाती है, लेकिन फिर भी जलेबियां बच जाती थी. माना जाता है यह बाबा का चमत्कार ही है, जो जलेबियों को कभी खत्म नहीं होने देता. जलेबी की रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें. 

Photo Credit: Canva

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बाबा और खीर का चमत्कार-

महाराज जी की भोजन से संबंधित प्रचलित चमत्कारों में खीर का खास स्थान है. बता दें,  इलाहाबाद में एक भक्त ने एक बार बाबा की तस्वीर पर खीर चढ़ाई, और पाया कि तस्वीर से खीर टपक रही थी. यानी बाबा ने खीर का भोग स्वीकार किया था.

सड़क जाम के दौरान सैकड़ों लोगों को भोजन कराना-

बताया जाता है, एक बार, कैंची में सड़क जाम के दौरान, महाराज जी ने आश्रम को रात भर पूड़ियां और सब्जियां बनाने का निर्देश दिया था. जिसके अगले दिन,  100 से ज्यादा बसें वहां पहुंची. जिसमें हजारों की संख्या में भूखे यात्री थे. बता दें, उस समय बाबा ने सुनिश्चित किया कि सभी को भोजन मिले.

यहां जानें- नीम करोली बाबा के पसंदीदा भोजन-

आम - बाबा को आम बहुत पसंद थे और वे अक्सर अपने भक्तों को आम बांटते थे.
संदेश- बाबा अक्सर खांसी के इलाज के लिए बंगाली मिठाई, संदेश  का जिक्र किया करते थे. एक दिन, एक भक्त उनके लिए एक किलो संदेश लेकर आए जिसे बाबा ने पूरा खा लिया था.
चपाती और दाल- बाबा की चपाती और दाल जैसे साधारण भोजन भी काफी पसंद है.
कचौड़ियां - भोवाली की एक भक्त नियमित रूप से बाबा के लिए कचौड़ियां लेकर आती थी. वहीं बाबा की महासमाधि के बाद भी, उसे सपने में वह कचौड़ियां मांगते दिखाई देते थे. 

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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