Tea And Kids: भारत में सुबह की शुरुआत अक्सर एक प्याली चाय के साथ होती है. बड़ों के साथ बच्चे भी उस कप से एक-दो चुस्कियां ले ही लेते हैं. कई पेरेंट्स (Parents) को लगता है कि थोड़ी सी चाय से क्या नुकसान होगा, लेकिन यही छोटी सी आदत धीरे-धीरे बच्चों की सेहत (Tea For Kid's Health) के लिए बड़ी परेशानी बन सकती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चाय में मौजूद कैफीन, टैनिन, ऑक्सालेट और फ्लोराइड जैसी चीजें बच्चों के शरीर के लिए बिल्कुल भी फायदेमंद नहीं होतीं. ये तत्व बच्चों की नींद, हड्डियों, दांतों और पोषण पर असर डाल सकते हैं.
कैफीन का असर- (Caffeine Effect)
चाय में मौजूद कैफीन नींद लाने वाले रसायन को ब्लॉक कर देता है. इससे बच्चों की नींद पूरी नहीं हो पाती और वे दिनभर थकान महसूस करते हैं. नींद की कमी से उनका फोकस कम हो जाता है, याददाश्त पर असर पड़ता है और पढ़ाई में ध्यान लगाना मुश्किल हो जाता है. लंबे समय में यह उनकी ग्रोथ और मेंटल हेल्थ दोनों पर बुरा असर डाल सकता है. बच्चों को एनर्जी देने के लिए चाय की जगह दूध या कोको ड्रिंक जैसी हेल्दी चीजें देना बेहतर होता है.
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टैनिन और ऑक्सालेट- (Tannin And Oxalate)
टैनिन शरीर को आयरन सोखने नहीं देता, खासकर उस आयरन को जो दालों और हरी सब्जियों से मिलता है. इस वजह से बच्चों में धीरे-धीरे एनीमिया यानी खून की कमी की समस्या बढ़ सकती है. वहीं, ऑक्सालेट और फ्लोराइड हड्डियों और दांतों को कमजोर करते हैं. ज्यादा उबाली गई या दिन में कई बार दी गई चाय में इनकी मात्रा बढ़ जाती है, जिससे बच्चों की हड्डियां कमजोर पड़ सकती हैं. इसलिए कोशिश करें कि बच्चे को खाने के साथ या तुरंत बाद चाय बिल्कुल न दें.
मीठी चाय का खतरा- (Sugar Trouble)
बच्चों को दी जाने वाली चाय आमतौर पर मीठी होती है, क्योंकि बिना शक्कर की चाय उन्हें पसंद नहीं आती. लेकिन यही मीठी चाय कई परेशानियों की जड़ है. ज्यादा शुगर मोटापा, दांतों में कीड़े और ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव का कारण बन सकती है. धीरे-धीरे यह आदत बच्चे के स्वाद को बदल देती है, जिससे वह हर चीज में मीठा पसंद करने लगता है. यही चीज भविष्य में डायबिटीज जैसी बीमारियों की शुरुआत कर सकती है.
बेहतर विकल्प- (Better Options)
अगर आपका बच्चा चाय की मांग करता है, तो उसे समझाइए कि यह सिर्फ बड़ों के लिए है. बच्चों को एनर्जी और वॉर्म देने के लिए कई हेल्दी ऑप्शन हैं जैसे दूध में हल्दी डालकर देना, हर्बल टी या फ्रूट जूस. आप चाहे तो अदरक और तुलसी वाला हल्का दूध भी ट्राय कर सकते हैं, जो स्वादिष्ट होने के साथ इम्यूनिटी भी बढ़ाता है. बच्चों की हेल्दी हैबिट्स छोटी उम्र में बनती हैं, इसलिए चाय की जगह सही विकल्प चुनना ही समझदारी है. आखिर बच्चों की सेहत सिर्फ हमारी आदत नहीं, हमारी जिम्मेदारी भी है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














