बाजरा कब नहीं खाना चाहिए? जानिए किन लोगों के लिए बाजरा खाना ठीक नहीं

Millets/Bajra Kab Nahi Khana Chahiye | Who Should Avoid Millets: कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों में या कुछ लोगों को बाजरा खाने से बचना चाहिए या इसकी मात्रा कम कर देनी चाहिए. अगर आप बाजरा खाने की सोच रहे हैं, तो यह जानना ज़रूरी है कि बाजरा कब नहीं खाना चाहिए.

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Bajra Kab Nahi Khana Chahiye | Who Should Avoid Millets

Bajra Khane Ke Fayde | Millets/Bajra Kab Nahi Khana Chahiye : बाजरा (Millets), जिसे अक्सर 'मोटा अनाज' भी कहा जाता है, आजकल सेहत के लिए बहुत चर्चा में है. यह ग्लूटेन-मुक्त (Gluten-Free) होता है, इसमें फाइबर (Fiber) और प्रोटीन भरपूर होता है, और यह डायबिटीज (Diabetes) और वज़न कम (Weight Loss) करने वालों के लिए एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है. लेकिन जैसे हर अच्छी चीज़ की कुछ सीमाएँ होती हैं, वैसे ही बाजरे के साथ भी है. कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों में या कुछ लोगों को बाजरा खाने से बचना चाहिए या इसकी मात्रा कम कर देनी चाहिए.

अगर आप बाजरा खाने की सोच रहे हैं, तो यह जानना ज़रूरी है कि बाजरा कब नहीं खाना चाहिए.

बाजरा क्यों खाते हैं, बाजरा खाने के फायदे | Bajra Khane Ke Fayde

बाजरा खाने से पहले, यह समझना ज़रूरी है कि यह इतना फ़ायदेमंद क्यों है. यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जैसे कि मैग्नीशियम, कैल्शियम और आयरन. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) भी कम होता है, यानी यह शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाता है. लेकिन इन्हीं गुणों के कारण, कुछ लोगों के शरीर पर इसका उलटा असर हो सकता है.

किन बीमारियों या स्थितियों में बाजरा नहीं खाना चाहिए? | Millets/Bajra Kab Nahi Khana Chahiye | Who Should Avoid Millets

1. थायरॉइड की समस्या (Hypothyroidism) में में नहीं खाना चाहि‍ए बाजरा

यह सबसे महत्वपूर्ण स्थिति है जब बाजरे का सेवन सीमित करना चाहिए.
कारण: बाजरा, विशेष रूप से कुछ प्रकार के बाजरे (जैसे पर्ल मिलेट/बाजरा), में गोइट्रोजेन (Goitrogens) नामक यौगिक होते हैं. ये यौगिक थायरॉइड ग्रंथि (Thyroid Gland) के सामान्य कामकाज में बाधा डाल सकते हैं. ये आयोडीन (Iodine) के अवशोषण (Absorption) को कम कर देते हैं, जिससे थायरॉइड हार्मोन (Thyroid Hormone) का उत्पादन प्रभावित होता है.
क्या करें: अगर आपको हाइपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism) है, तो बाजरा खाने से पहले डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) से सलाह लें. अगर आप बाजरा खाते भी हैं, तो इसे उबालकर या पकाकर खाएं, क्योंकि पकाने से गोइट्रोजेन की मात्रा कुछ हद तक कम हो जाती है. इसे कच्चा बिल्कुल न खाएं.

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2. बहुत कमज़ोर पाचन तंत्र (Weak Digestion) होने पर में नहीं खाना चाहि‍ए बाजरा

बाजरा फाइबर का एक बहुत अच्छा स्रोत है. जबकि फाइबर आमतौर पर सेहत के लिए अच्छा होता है, कुछ लोगों के लिए यह मुश्किल पैदा कर सकता है.
कारण: अगर आपका पाचन तंत्र पहले से ही बहुत कमज़ोर है, या आपको अक्सर पेट फूलने (Bloating), गैस या गंभीर कब्ज़ की शिकायत रहती है, तो ज़्यादा फाइबर वाला बाजरा खाने से ये समस्याएं और बढ़ सकती हैं.
क्या करें: बाजरे को धीरे-धीरे अपनी डाइट में शामिल करें. पहले छोटी मात्रा से शुरू करें और देखें कि आपका शरीर कैसे प्रतिक्रिया करता है. बाजरे को रात भर भिगोकर (Soak) खाने से उसकी पाचनशीलता (Digestibility) बढ़ जाती है.

3. आयरन की कमी (Iron Deficiency) या एनीमिया में नहीं खाना चाहि‍ए बाजरा

हालांकि बाजरे में आयरन होता है, लेकिन इसमें फाइटेट्स (Phytates) भी होते हैं.
कारण: फाइटेट्स को एंटी-न्यूट्रिएंट्स (Anti-nutrients) कहा जाता है. ये शरीर में आयरन, कैल्शियम और जिंक जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स के अवशोषण (Absorption) को रोकते हैं. इसलिए, यदि आप पहले से ही आयरन की कमी से जूझ रहे हैं, तो बहुत ज़्यादा बाजरा खाने से आपकी स्थिति और बिगड़ सकती है, क्योंकि शरीर सही से आयरन सोख नहीं पाएगा.
क्या करें: बाजरा खाने से पहले उसे 8-10 घंटे भिगो दें (Soaking) या उसे अंकुरित (Sprouting) करें. इससे फाइटेट्स की मात्रा कम हो जाती है और पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है.

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4. गुर्दे की पथरी (Kidney Stones) की पुरानी समस्या में नहीं खाना चाहि‍ए बाजरा

कुछ प्रकार के बाजरे में ऑक्सालेट्स (Oxalates) नामक यौगिक पाए जाते हैं.
कारण: ऑक्सालेट्स उन लोगों के लिए हानिकारक हो सकते हैं जिन्हें गुर्दे की पथरी (खासकर कैल्शियम ऑक्सालेट पथरी) बनने की समस्या बार-बार होती है. ऑक्सालेट की ज़्यादा मात्रा पथरी बनने के खतरे को बढ़ा सकती है.
क्या करें: अगर आपको गुर्दे की पथरी का इतिहास रहा है, तो बाजरे का सेवन सीमित करें और डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें.

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5. दस्त (Diarrhea) या लूज मोशन की स्थिति में नहीं खाना चाहि‍ए बाजरा

दस्त के दौरान शरीर को हल्के, आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों की ज़रूरत होती है.
कारण: बाजरे में मौजूद उच्च फाइबर मल को नरम और ढीला कर सकता है, जिससे दस्त की स्थिति और बिगड़ सकती है. इस दौरान, पाचन तंत्र को आराम की ज़रूरत होती है.
क्या करें: दस्त होने पर चावल का पानी, खिचड़ी या दलिया जैसे कम फाइबर वाले और आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें.

Bajra Kab Nahi Khana Chahiye: बाजरा एक सुपरफूड है और यह सामान्य स्वस्थ व्यक्ति के लिए बेहद फ़ायदेमंद है. लेकिन, थायरॉइड की समस्या, आयरन की कमी, या कमज़ोर पाचन तंत्र जैसी विशिष्ट स्वास्थ्य स्थितियों में बाजरा खाने से पहले आपको सावधान रहना चाहिए. इसे हमेशा भिगोकर, अंकुरित करके या अच्छी तरह पकाकर खाएं ताकि इसके एंटी-न्यूट्रिएंट्स कम हो सकें.

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Ek Din Me kitna Bajra Khana Chahiye: सही मात्रा में और सही तरीके से खाया गया बाजरा आपकी सेहत को नुकसान नहीं, बल्कि फ़ायदा ही पहुंचाएगा. किसी भी बड़ी डाइट चेंज से पहले हमेशा डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह लें.
 

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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