सर्दियों में मक्के की रोटी और सरसों का साग खाने के क्या फायदे हैं? इन 5 लोगों के लिए वरदान, क्या इसे रोज खाना चाहिए?

Makki Ki Roti aur Sarso Ka Saag Ke Fayde: सरसों का साग और मक्के की रोटी खाने से क्या होता है? किन लोगों को सबसे ज्यादा फायदा, क्या सरसों के साग और मक्के की रोटी को रोज खा सकते हैं? आइए जानते हैं उन सभी सवालों के जवाब जो हर किसी के मन में उठते हैं.

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सरसों का साग और मक्के की रोटी खाने के गजब फायदे.

Makke Ki Roti Sarso Ka Saag Benefits: सर्दियों का मौसम अपने साथ सिर्फ ठंड ही नहीं लाता, बल्कि खाने का एक अलग ही आनंद भी लेकर आता है. इस मौसम में जब शरीर को गर्माहट, एनर्जी और पोषण की जरूरत बढ़ जाती है, तभी हमारी देसी थाली में एक जोड़ी खास जगह बना लेती है, मक्के की रोटी और सरसों का साग. पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत के कई हिस्सों में यह खाना सिर्फ स्वाद के लिए नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी खास माना जाता है.

आजकल लोग सुपरफूड्स की तलाश में दूर-दूर देखते हैं, जबकि हमारे घर के पास ही ऐसा कॉम्बो मौजूद है. सरसों का साग गाढ़ा, गर्म तासीर वाला और प्रोटीन-फाइबर से भरपूर होता है, वहीं मक्के की रोटी शरीर को लंबे समय तक एनर्जी देती है और पाचन को मजबूत बनाती है. इन दोनों को साथ खाने से शरीर की जरूरतें और भी बेहतर तरीके से पूरी होती हैं, इसलिए इसे 'विंटर गोल्ड कॉम्बो' भी कहा जाता है.

लेकिन सवाल है, आखिर मक्के की रोटी और सरसों का साग खाने से शरीर को क्या फायदा मिलता है? कौन लोग इसे जरूर खाएं? और क्या इसे रोज खाना सही है?

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सरसों का साग और मक्के की रोटी खाने के फायदे | Sarso ka Saag Or Makke Ki Riti Khane Ke Fayde

1. इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है

सर्दियों में शरीर को बार-बार खांसी, जुकाम और इन्फेक्शन घेरे रहते हैं. सरसों के साग में मौजूद विटामिन A, C और K इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं. दूसरी तरफ मक्के में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर में सूजन कम करते हैं और बीमारियों से निपटने में मदद करते हैं. यह जोड़ी रोज खाने पर ठंड के मौसम में शरीर को प्राकृतिक सुरक्षा देती है.

2. शरीर को गर्माहट देती है

सरसों का साग गर्म तासीर वाला माना जाता है, यही कारण है कि इसे खासकर सर्दियों में ही खाया जाता है. यह शरीर में अंदरूनी गर्मी पैदा कर ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है. मक्के की रोटी कॉम्प्लेक्स कार्ब्स से बनी होती है, जो धीरे-धीरे पचते हैं और लंबे समय तक ऊर्जा देते हैं. यह कॉम्बो ठंड के दिनों में सुस्ती और थकान को दूर करता है.

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3. हड्डियों और मांसपेशियों के लिए बेहद फायदेमंद

सरसों के साग में कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन के की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं. मक्के की रोटी में मौजूद फाइबर और जरूरी मिनरल्स मांसपेशियों को पोषण देते हैं, जिन लोगों को घुटने का दर्द, जोड़ों में जकड़न या कमजोरी रहती है, उनके लिए यह थाली किसी दवा से कम नहीं.

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4. पाचन मजबूत करता है, कब्ज में राहत देता है

मक्के की रोटी का फाइबर पाचन को सही रखता है और कब्ज को दूर करता है. सरसों का साग भी पेट को साफ रखने में मदद करता है. यह कॉम्बो पेट में गैस, अपच और भारीपन से परेशान लोगों के लिए बहुत उपयोगी है. खास बात यह है कि ये दोनों फूड्स पेट पर भारी नहीं पड़ते.

5. दिल की सेहत का रखता है ध्यान

सरसों का साग कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद कर सकता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स दिल की नसों में जमा चर्बी को रोकते हैं. मक्के की रोटी ग्लूटन-फ्री होती है, जिससे यह उन लोगों के लिए उपयोगी है जिन्हें गेहूं से एलर्जी होती है या ब्लोटिंग की समस्या रहती है.

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इन 5 लोगों के लिए है वरदान-

  • जिन्हें जोड़ों या घुटनों में दर्द रहता है.
  • कमजोर इम्युनिटी वाले लोग.
  • खेल-कूद करने वाले या मेहनत वाले काम करने वाले लोग
  • पाचन समस्याओं से परेशान लोग (कब्ज, गैस, एसिडिटी)
  • जिन्हें ठंड जल्दी लगती है या सर्दियों में ऊर्जा कम हो जाती है.

क्या इसे रोज खाना चाहिए?

  • सामान्य परिस्थितियों में सर्दियों के 2–3 दिन भी लगातार खाने पर कोई नुकसान नहीं, बल्कि फायदा होता है.
  • लेकिन रोज-रोज खाने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि शरीर को विविधता वाले पोषक तत्व चाहिए होते हैं.
  • अगर आप इसे हफ़्ते में 2–3 बार भी खाते हैं, तो सभी फायदे मिल जाते हैं.

लेकिन इन लोगों को थोड़ा ध्यान रखना चाहिए:

  • जिनको बहुत ज्यादा गैस बनती है, उन्हें साग कम मात्रा में खाना चाहिए.
  • डायबिटीज वाले लोग मक्के की रोटी की मात्रा कंट्रोल में रखें.

मक्के की रोटी और सरसों का साग सिर्फ एक देसी स्वाद नहीं, बल्कि सर्दियों का संपूर्ण हेल्थ पैकेज है. यह शरीर को ताप, ताकत, इम्यूनिटी और पोषण देता है. इस सर्दी, अपनी थाली में इस सुनहरी जोड़ी को जरूर जगह दें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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