दांत दर्द से लेकर पाचन तक, इन समस्याओं को दूर करने में मददगार है औषधिय गुणों से भरपूर अकौआ, जानें फायदे और उपयोग का तरीका

Akaua Ke Fayde: अकौआ औषधीय गुणों से भरपूर होता है. चरक संहिता अर्कमूल को पाचन और आंतरिक रोगों के लिए उपयोगी मानती है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Akaua Ke Fayde: अकौआ के फायदे.

Akaua Health Benefits In Hindi: भारत की धरती हजारों वर्षों से औषधियों की खदान रही है. एक साधारण सी दिखने वाली लेकिन प्रभावशाली जड़ी-बूटी – अर्कमूल, जिसे आम बोलचाल की भाषा में अकौआ, अकौड़ा या मदार भी कहा जाता है, बहुत कम लोग जानते हैं कि यह जड़ी-बूटी सिर्फ बाहरी रोगों में ही नहीं, बल्कि भीतरी विकारों, विषनाशन, और मानसिक शुद्धि में भी अद्भुत है.  

अर्कमूल एक झाड़ीदार पौधा है, जिसका वैज्ञानिक नाम 'कैलोट्रोपिस गिगेंटिया' है और यह एपोसाइनेसी परिवार से है. इसकी ऊंचाई 3-5 फीट है और तने या पत्ते को तोड़ने पर सफेद दूध निकलता है, जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है. चरक संहिता अर्कमूल को पाचन और आंतरिक रोगों के लिए उपयोगी मानती है, जबकि सुश्रुत संहिता इसे मुख्य रूप से रोगों और घावों से छुटकारा दिलाने में उपयोगी मानती है. कुछ रिसर्च में पाया गया है कि कैलोट्रोपिस के तत्वों में एंटी-कैंसर गुण भी पाए गए हैं. यह कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि को रोक सकता है.

अकौआ के फायदे- (Akaua Ke Fayde) 

सुश्रुत संहिता में अर्कमूल का उपयोग मुख्य रूप से घावों, अल्सर, सूजन, विषैले कीड़े के काटने के प्रभाव को कम करने में भी मदद कर सकता है. अर्क के दूध का उपयोग बवासीर के उपचार में किया जाता है, इससे सूजन कम होती है और दर्द में राहत मिलती है. अस्थमा या सांस लेने की तकलीफ होने पर मदार के फूलों का उपयोग सहायक माना जाता है.

Advertisement

ये भी पढ़ें- रोज सिर्फ 2 भीगे हुए अखरोट खाने से मिलते हैं 7 जबरदस्त फायदे

अकौआ का कैसे करें इस्तेमाल- (How To Use Akaua)

सुश्रुत संहिता में इसे कैसे प्रयोग में लाएं, इस पर भी प्रकाश डाला गया है. चिकित्सा ग्रंथ के मुताबिक आक के फूलों को तोड़कर उन्हें धूप में अच्छी तरह सुखाकर चूर्ण तैयार किया जाता है. इस पाउडर के सेवन से फेफड़ों की बीमारी, अस्थमा और कमजोरी जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायता मिलती है. अगर दांत के दर्द से परेशान हैं, तो इसके लिए अर्कमूल के दूध में कॉटन बॉल को डुबोकर मसूड़े पर लगाने से आपको दर्द में राहत मिल सकती है.

Advertisement

दांत के दर्द के साथ-साथ त्वचा पर होने वाले छालों को दूर करने के लिए भी यह कारगर उपाय है. तांत्रिक और वैदिक परंपराओं में अर्क के पौधे को शिव का प्रतीक माना गया है. इसकी जड़ को सिद्ध कर ध्यान या जाप में उपयोग किया जाता है. 

Advertisement

नोटः
इसका दूध काफी विषैला होता है, इसे आंख, नाक या खुले घाव पर न लगाएं और गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे या दिल के मरीज बिना वैद्य की सलाह इसे न लें.

Advertisement

Is COVID-19 Back? क्या महामारी आ रही है, फिर लगेगा 'Lockdown'? | Coronavirus Cases in India | New Covid Variant Explained

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Iran Israel War: इजरायल ने ईरान में फिर की एयरस्ट्राइक, PM Netanyahu ने कही ये बात