मिट्टी की खुशबू, बोली की मिठास, इतिहास की गहराई ही नहीं अपने स्वाद के लिए भी जाना जाता है बिहार, जानें यहां के 10 फेमस व्यंजन

Famous Dishes of Bihar: बिहार अपने खाने की सादगी और स्वाद के लिए भी जाना जाता है. यहां का हर व्यंजन अपने आप में एक कहानी है. आइए जानते हैं बिहार के उन 10 पकवानों के बारे में, जो हर फूडी के दिल में जगह बना लेते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Famous Dishes of Bihar: बिहार की ये फेमस डिशेज, जिनका नाम सुनते ही आ जाता है मुंह में पानी.

Famous Dishes of Bihar: बिहार सिर्फ अपनी मिट्टी की खुशबू, बोली की मिठास या इतिहास की गहराई के लिए ही नहीं, बल्कि अपने खाने की सादगी और स्वाद के लिए भी जाना जाता है. यहां का हर व्यंजन अपने आप में एक कहानी है. आइए जानते हैं बिहार के उन 10 पकवानों के बारे में, जो हर फूडी के दिल में जगह बना लेते हैं. इन पकवानों को आप भी एक बार ट्राई जरूर करना चाहेंगे. 

बिहार के 10 मशहूर व्यंजन- (10 Famous Dishes of Bihar)

1. लिट्टी-चोखा-
बिहार का नाम आते ही सबसे पहले लिट्टी-चोखे की याद आती है. गेहूं और सत्तू से बने गोले, जिन्हें देसी घी में डुबोया जाता है, और साथ में बैंगन, आलू या टमाटर से बना चोखा. ये जोड़ी बिहार के हर कोने में मिल जाएगी और इसका देसी स्वाद हर किसी को अपना दीवाना बना देता है.

ये भी पढ़ें- आज क्या बनाऊं: आंवला मुरब्बा नहीं एक बार ट्राई करें गाजर का मुरब्बा, उंगलियां चाटते रह जाएंगे खाने वाले

2. चंद्रकला / पेदकिया-
गुजिया जैसी दिखने वाली यह मिठाई बिहारी लोगों की खास पसंद है. इसमें खोया, नारियल, इलायची और सूखे मेवे भरे जाते हैं. बाहर से कुरकुरी और अंदर से नर्म चंद्रकला हर त्योहार की शान होती है.

3. चना घुघनी-
शाम की चाय के साथ अगर कुछ तीखा-चटपटा चाहिए तो चना घुघनी से बढ़िया कुछ नहीं. उबले हुए चनों को प्याज, मसालों और चूड़ा के साथ मिलाकर बनाया जाता है. यह सस्ती, स्वादिष्ट और पेट भरने वाली डिश हर घर में मिल जाती है.

4. खाजा-
दो हजार साल पुरानी बताई जाने वाली यह मिठाई बिहार की पहचान है. गेहूं के आटे, चीनी और मावे से बनी ये कुरकुरी मिठाई तले जाने के बाद इतनी हल्की होती है कि मुंह में जाते ही पिघल जाती है. भोजपुर और बक्सर के बीच के बेलग्राम इलाके में मिलने वाली खास बेलग्रामी भी खाजा का ही एक रूप है.

Advertisement

5. लौंग-लटिका-
त्योहारों के मौसम में बनने वाली लौंग-लटिका देखने में तो दूसरी मिठाइयों जैसी लगती है, लेकिन बीच में लगी एक लौंग इसका स्वाद पूरी तरह बदल देती है. अंदर मीठा भराव और ऊपर कुरकुरा परत, ऊपर से शक्कर की चाशनी. हर बाइट में मीठे और तीखे का गजब मेल.

6. दाल पीठा-
अगर बिहार का देसी मोमो कहा जाए तो गलत नहीं होगा. चावल के आटे से बना पीठा जिसमें दाल और मसाले भरे जाते हैं. इसे स्टीम किया जाता है या कभी-कभी हल्का तला भी जाता है. पौष्टिक और पेट भरने वाला यह नाश्ता हर घर की सुबह को खास बना देता है.

Advertisement

7. खजूरिया / ठेकुआ-
गेहूं के आटे और गुड़ से बना यह पारंपरिक स्नैक हर त्योहार में बनता है. कुरकुरा, मीठा और लंबे समय तक चलने वाला. यही वजह है कि बिहार से बाहर पढ़ने या काम करने वाले लोग इसे अपने साथ ज़रूर लेकर जाते हैं.

8. परवल की मिठाई-
बिहार वालों की मिठाई से मोहब्बत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने सब्जी को भी मिठाई में बदल दिया. परवल को अंदर से खाली कर उसमें खोया और मेवे भर दिए जाते हैं. ऊपर से शक्कर की परत. इसे देखकर कोई नहीं कह सकता कि ये वही परवल है जो सब्जी में बनता है.

Advertisement

9. सत्तू शरबत-
बिहार की गर्मी में सत्तू शरबत से बेहतर कुछ नहीं. भूने चने के आटे, नमक, नींबू और पानी से बना यह पेय ठंडक तो देता ही है, साथ ही पेट भी भर देता है. यह बिहार का एनर्जी ड्रिंक है जो देसी अंदाज़ में ताकत और स्वाद दोनों देता है.

10. नैवेद्यम-
बेसन, घी, काजू, किशमिश और केसर से बना ये प्रसाद इतना मुलायम होता है कि मुंह में रखते ही घुल जाता है. पटना जंक्शन के पास स्थित हनुमान मंदिर का प्रसिद्ध प्रसाद नैवेद्यम बहुत ही प्रसिद्ध है. इसका स्वाद आपको मिठास के साथ भक्ति का अहसास भी कराता है.

इन दस व्यंजनों से समझा जा सकता है कि बिहार की रसोई सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि परंपरा और अपनापन भी परोसती है. जिसने एक बार इनका स्वाद चख लिया, वो बार-बार लौटकर जरूर आता है.

Advertisement

अस्थमा का इलाज क्या है? डॉक्टर से जानिए

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Cough Syrup Death News: कफ सिरप से कितनी मौत? क्या पता चला? | Shubhankar Mishra