जब बात इंडियन स्ट्रीट फूड की आती है, तो आप कचौरी को मिस नहीं कर सकते हैं. आटे के अंदर भरे हुए मसाले और तेल में फ्राई की गई कचौरियाँ किसी लाजवाब से कम नहीं हैं! इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि आपके पास इसे बनाने के कई तरह के ऑप्शन मौजूद होते हैं. डो आपके मूड और टेस्ट पर डिपेंड करते हैं. आपने सही पढ़ा! भारत भर में ही आपको कई कचौरी रेसिपी मिल जाएंगी. मीठी और नमकीन दोनों, जिनमें से सभी की फिलिंग बिल्कुल अलग और लाजवाब होती है. आज हम बात कर रहे हैं क्लासिक काठियावाड़ी कचौरी की. ये गुजरात की फेमस डिश है. इसमें मटर की फिलिंग की जाती है और गर्म चाय के साथ इसका आनंद लिया जाता है. शाम का नाश्ता होने के साथ ही यह वहां रहने वाले लोगों के नाश्ते की थाली में जरूर मिल जाती है.
काठियावाड़ी कचौड़ी में खास क्या है?
जो लोग सोचते थे कि गुजराती खाने में केवल ढोकला, खाखरा और फाफड़ा ही है, तो हम पर विश्वास करें, इस एरिया में और भी बहुत कुछ है - काठियावाड़ी खाना इसका एक उदाहरण है. गुजरात में काठियावाड़ (जिसमें राजकोट, जामनगर, जूनागढ़, भावनगर, सुरेंद्रनगर और पोरबंदर शामिल हैं) यहां के खाने में विशेष तौर पर दाल, अनाज और जीरा, मिर्च और हल्दी जैसे कई मसालों को शामिल किया जाता है. सबसे जरूरी बात यह है कि गुजराती खाने से बिल्कुल अलग काठियावाड़ी खाना गर्म और मसालेदार होता है और यह कचौरी इसे सर्वश्रेष्ठ बनाती है. सबसे अच्छी बात यह है कि इसे बनाना बेहद आसान है. तो आइए जानते हैं इसे बनाने की रेसिपी.
काठियावाड़ी कचौड़ी रेसिपी:
कचौड़ी बनाने के लिए सबसे पहले आटा (मैदा) लीजिए और उसमें अजवाइन, नमक, तेल और पानी डालकर आटा गूंध लीजिए. अब उबले और मसले हुए हरे मटर के साथ जीरा, अदरक, हल्दी और भी कुछ मसाले मिलाकर फिलिंग तैयार करेंगे. शेफ ने इसमें कुरकुरापन बढ़ाने के लिए भुनी हुई कुचली हुई मूंगफली मिलाई हैं.
अब आटे से एक गोला काट लें, इसमें स्टफिंग डालकर इसे चपटा बेल लें और सुनहरा और कुरकुरा होने तक डीप फ्राई करें. बस आपकी स्वादिष्ट काठियावाड़ी कचौड़ी बनकर तैयार है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)