Food Contamination: कई बार ऐसा होता है कि आप रोज की तरह जो खाना खा रहे हैं, वही खाना किसी दिन आप की तबियत खराब कर देता है. उस के बाद जेहन में एक ही सवाल आता है कि हम ने ऐसा क्या खाया कि तबियत खराब हो गई. ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि जो खाना आप खा रहे होते हैं वो किसी भी वजह से दूषित हो जाता है. खाना दूषित होने की अलग अलग वजहें हो सकती हैं. Fssai यानी कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर खाना दूषित होने की तीन वजहें बताई हैं और ये भी बताया है कि दूषित खाने की पहचान कैसे की जा सकती है.
इन तीन वजहों से खाना होता है दूषित | Due To these 3 Reasons Food Get Contaminated
खाने में फिजिकल कंटेमिनेशन
खाना दूषित होन की वजह आप के हाथ भी हो सकते हैं या फिर कोई भी ऐसी चीज जो खाने योग्य न हो लेकिन आपके खाने के संपर्क में आ गई है. Fssai के मुताबिक पत्थर, किसी पेड़ की ऐसी छाल या बीज जो खाने योग्य न हो, पक्षियों पंख, रेत, नाखून, मिट्टी, स्ट्रॉ या बाल ऐसी चीज हो सकते हैं जो खाने को दूषित करते हैं. किसी तरह की गंदगी इसी कैटेगरी में आती है.
इस तरह के फूड कंटेमिनेशन को पहचानने के लिए आप खाना खाने से पहले उसे अच्छी तरह से देख लें. हो सके तो हाथ से खाने को खंगाल कर चेक कर लें. ताकि कोई गंदगी दिखे तो उसे पहले ही हटा सकें. इस के अलावा खाना पकाने से पहले खाद्य पदार्थों को धोना सबसे ज्यादा जरूरी है. ताकि गंदगी निकल जाए.
खाने में केमिकल कंटेमिनेशन
खाने में दूसरी तरह का कंटेमिनेशन हो सकता है कैमिकल कंटेमिनेशन. इस तरह के कंटेमिनेशन में आते हैं प्रेजिर्वेटिव्स. इस के अलावा ऐसी चीजें या एडिटिव्ज खाने में मिलाना जो सेफ्टी लिमिट्स से बाहर हों, वो भी केमिकल कंटेमिनेशन की कैटेगरी में ही आएगा. किसी खाद्य सामग्री में पेस्टीसाइड्स रेसिड्यू मिलना भी केमिकल कंटेमिनेशन ही होगा. इस के अलावा इंसेक्टिसाइड, रीयूज्ड ऑयल और क्लीनिंग केमिकल का इस्तेमाल भी खाने को केमिकली कंटेमिनेट करता है.
फिजिकल कंटेमिनेशन को पहचानना आसान है. लेकिन खाने में कैमिकल कंटेमिनेशन होगा तो उस की पहचान कैसे होगी. इसे पहचानने का आसान तरीका है खाने का रंग. अगर खाने का रंग कुछ अलग दिख रहा है या उसकी महक और स्वाद कुछ अजीब लगें तो उसकी वजह केमिकल कंटेमिनेशन हो सकती है. खाना बनाते समय आप भी ये ध्यान रखें कि फ्रेश ऑयल ही यूज करें. जिस तेल में पहले कुछ पका हो या तला हो उस का इस्तेमाल न करें.
खाने में माइक्रोबायोलॉजिकल कंटेमिनेशन
माइक्रोबायोलॉजिकल कंटेमिनेशन का मतलब है खाने में ऐसे किटाणु मिल जाना जो आसानी से दिखाई न दें. इस में बैक्टीरिया, ईस्ट, प्रोटोजोआ, मोल्ड और वायरस जैसे किटाणु हो सकते हैं जो आसानी से दिखाई नहीं देते. इस के अलावा फ्लाइज, कीड़े, कॉकरोच, इल्ली ऐसे जीव हैं जो खाने में आसानी से दिख जाते हैं. इन की मौजूदगी भी खाने को दूषित करती है.
इस तरह के कंटेमिनेशन का पता लगाने के लिए भी खाने के रंग और महक को ऑब्जर्व करना चाहिए. अगर लगता है कि किसी जांच की जरूरत है तो संबंधित लैब में उस से जुड़े टेस्ट करवा सकते हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)