आपके किचन में पाया जाने वाला ये छोटा सा मसाला सेहत के लिए होता है बेहद फायदेमंद, पाचन के साथ आंखों की रोशनी बढ़ाने में करता है मदद

भारतीय मसालों की बात करें तो वो खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ ही आपकी सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं. इसलिए कई मसालों का सेवन औषधीय तौर पर भी किया जाता है. आज हम एक ऐसे ही मसाले के बारे में बात करेंगे जो आपके खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ ही आपकी सेहत के लिए भी बेहद लाभदायी होता है.

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भारतीय मसालों की बात करें तो वो खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ ही आपकी सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं. इसलिए कई मसालों का सेवन औषधीय तौर पर भी किया जाता है. आज हम एक ऐसे ही मसाले के बारे में बात करेंगे जो आपके खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ ही आपकी सेहत के लिए भी बेहद लाभदायी होता है. आइए जानते हैं आपके किचन में पाई जाने वाली काली और सफेद मिर्च के फायदे और दोनों में क्या अंतर है. 

आपने लाल मिर्च और काली मिर्च के बारे में कई बार सुना होगा. वहीं, सफेद मिर्च भी आपकी नजरों से दूर नहीं है. जिस तरह काली मिर्च के फायदे हैं, उसी तरह सफेद मिर्च में भी कई गुण पाए जाते हैं. दोनों के स्वाद में काफी अंतर होता है. दोनों में पोषक तत्वों की मात्रा अलग-अलग होती है. काली मिर्च का इस्तेमाल ज्यादा मसालेदार व्यंजनों में किया जाता है, जबकि सफेद मिर्च का इस्तेमाल सलाद और हल्के व्यंजनों में किया जाता है. आइए जानते हैं इसके उपयोग और फायदे क्या हैं.

काली मिर्च के फायदे और उपयोग

काली मिर्च का इस्तेमाल कई तरह के व्यंजनों में मसाले के तौर पर किया जाता है. इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर भी किया जाता है. काली मिर्च पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करती है. साथ ही काली मिर्च में मौजूद विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. अगर आपके दांत में दर्द हो रहा है, तो काली मिर्च के इस्तेमाल से राहत मिल सकती है. यह दिल को स्वस्थ रखने में भी मदद करती है. इसका सेवन करने से वजन कम करने के साथ-साथ त्वचा भी स्वस्थ रहती है.

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सफेद मिर्च के फायदे और उपयोग

अगर सफेद मिर्च की बात करें तो इसके भी कई फायदे हैं. यह स्वास्थ्य के ल‍िए उपयोगी है. इसमें मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं. सफेद मिर्च में फाइबर और पोटेशियम होता है, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है. इसका इस्तेमाल खासतौर पर सलाद और सूप बनाने में किया जाता है. इस मिर्च का सेवन आंखों के लिए काफी मददगार होता है. इसमें मौजूद विटामिन ए आंखों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है. यह दिमाग के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने में काफी मददगार है. सफेद मिर्च में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट दिमाग के स्वास्थ्य के ल‍िए बेहतर है.

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काली मिर्च और सफेद मिर्च में अंतर

बता दें कि सफेद मिर्च उष्णकटिबंधीय एशियाई देशों में होती है. काली मिर्च और सफेद मिर्च दोनों एक ही पौधे से आते हैं. लेकिन वे अलग-अलग तरीकों से तैयार होते हैं. काली मिर्च सूखे कच्चे फल को पकाकर बनाई जाती है. सफेद मिर्च पके बीजों को पकाकर और सुखाकर बनाई जाती है. वहीं, काली मिर्च को मसाला फसलों का राजा कहा जाता है. इसकी खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. देश में अकेले केरल में 90 फीसद काली मिर्च का उत्पादन होता है.

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इंडोनेशिया को सफेद मिर्च का सबसे बड़ा उत्पादक माना जाता है. मलेशिया और ब्राजील अपनी काली मिर्च का क्रमश: लगभग 10 प्रत‍िशत और 5 प्रत‍िशत हिस्सा सफेद मिर्च में बदलते हैं. काली मिर्च की खेती भारत में मुख्य रूप से दक्षिण भारत में की जाती है. खास तौर पर केरल में, इसके अलावा कोच्चि, मैसूर, महाराष्ट्र, मालाबार और असम के पहाड़ी इलाकों में भी इसकी खेती की जाती है. अब इसकी खेती छत्तीसगढ़ में भी होने लगी है. भारत के अलावा इंडोनेशिया और श्रीलंका में भी इसकी खेती की जाती है.
 

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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