अपराजिता के फूल को धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत पवित्र माना जाता है. भगवान शिव, विष्णु और मां दुर्गा को ये फूल बहुत प्रिय हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फूल की चाय औषधीय गुणों से भरपूर है, जो माइग्रेन के दर्द से लेकर मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करती है. छोटे और नीले अपराजिता के फूल में सौंदर्य को बढ़ाने वाले और कई रोगों से निजात दिलाने वाले गुण मौजूद हैं. इसमें एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट, और एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद हैं, जो स्किन को चमकदार बनाने, पेट से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने और आंखों से जुड़ी परेशानियों में भी राहत दे सकते हैं.
कैसे बनाएं अपराजिता के फूल की चाय- (How To Make Aparajita Ke Phool Ki Chai)
अपराजिता के फूल की चाय बनाना बहुत आसान है. इसके लिए एक बर्तन में पानी लेकर दो से तीन फूल पानी में मिलाकर उबाल लें. जब फूल अपना रंग छोड़ दें तो इस चाय का सेवन करें. स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें शहद और रोजमैरी की पत्तियां भी डाल सकते हैं.
अपराजिता के फूल से बनी चाय पीने के फायदे- (Aparajita Ke Phool Ki Chai Pine Ke Fayde)
खास बात ये है कि अपराजिता के फूल से बनी चाय डायबिटीज रोगियों के लिए लाभकारी होती है. अपराजिता के फूल से बनी चाय आंखों के लिए बूस्टर की तरह काम करती है. ये आंखों में होने वाले दर्द, थकान और चिपचिपेपन से राहत देती है. साथ ही आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद भी कर सकती है.
ये भी पढ़ें- एक दिन में कितनी किशमिश खाना चाहिए, जानें किशमिश खाने का सही तरीका और फायदे
अगर ब्लड प्रेशर नियंत्रित नहीं रहता है तो अपराजिता की चाय बहुत लाभकारी है. इसमें भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं. शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं और विषैले पदार्थों को शरीर से निकालती है. ऐसे में दिल अच्छे तरीके से रक्त को पंप करता है और उस पर दबाव कम पड़ता है. इससे दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम भी कम हो सकता है.
अनिद्रा की समस्या में भी अपराजिता के फूल की चाय दवा की तरह काम करती है. ये मस्तिष्क को शांत करती है, जिससे मेलाटोनिन हार्मोन का उत्पादन अच्छे से होता है और नींद आने लगती है. नींद आने के लिए मस्तिष्क का तनाव रहित रहना बहुत जरूरी है. ऐसे में दिन में दो बार भी अपराजिता की चाय का सेवन किया जा सकता है.
अपराजिता के फूल से बनी चाय पाचन शक्ति बढ़ाने का काम करती है, जिससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और अच्छे से भूख लगती है. मेटाबॉलिज्म जब बूस्ट होता है तो शरीर में वसा का संचय कम होता है, जिससे वजन बढ़ने की गति धीमी पड़ जाती है.
एनेस्थीसिया कैसे सुन्न कर देता है शरीर? क्यों लोग डरते हैं इससे, जानिए इससे जुड़े मिथ्स और फैक्ट्स...
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














