खाने संबंधी विकार से बढ़ सकता है समय से पहले मौत का खतरा : शोध

एक शोध में यह बात सामने आई है कि एनोरेक्सिया नर्वोसा (खान-पान संबंधी विकार) से पीड़ित लोगों में मनोरोग संबंधी समस्याएं विकसित होने और समय से पहले मौत का खतरा ज्‍यादा होता है.

Advertisement
Read Time: 2 mins

एक शोध में यह बात सामने आई है कि एनोरेक्सिया नर्वोसा (खान-पान संबंधी विकार) से पीड़ित लोगों में मनोरोग संबंधी समस्याएं विकसित होने और समय से पहले मौत का खतरा ज्‍यादा होता है. मेयो क्लिनिक एनोरेक्सिया नर्वोसा को एक खाने संबंधी विकार के रूप में परिभाषित करता है, जिसमें असामान्य रूप से रोगी का या तो वजन तेजी से बढ़ता है, या कम हो जाता है.

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ईटिंग डिसऑर्डर में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि एनोरेक्सिया नर्वोसा वाले रोगियों में मृत्यु दर अधिक है और मनोरोग की स्थिति में इसका जोखिम लगभग दोगुना हो जाता है. इसके लिए शोधकर्ताओं ने 14,774 रोगियों के डेटा का विश्लेषण किया, जिनकी 9.1 वर्षों (और 40 वर्षों तक) के औसत समय तक निगरानी की गई.

Advertisement

परिणामों से पता चला कि एनोरेक्सिया नर्वोसा से पीड़ित लोगों में सामान्य आबादी की तुलना में फॉलो-अप के दौरान मरने का जोखिम 4.5 गुना अधिक था. सभी रोगियों में से 47 प्रतिशत ने बताया कि उनमें मनोरोग की स्थिति थी, जिसके कारण उनमें असमय मृत्यु का जोखिम, बिना मनोरोग वाले रोगियों की तुलना में 1.9 गुना अधिक था.

लिंग के अनुसार मृत्यु दर का जोखिम समान था. साथ ही एनोरेक्सिया नर्वोसा के रोगियों में 13.9 प्रतिशत मौतें आत्महत्या के कारण हुईं. डेनमार्क के आरहूस यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में डॉक्टरेट की छात्रा मेटे सोबी ने कहा, "ये निष्कर्ष एनोरेक्सिया से पीड़ित किशोरों और वयस्कों में अतिरिक्त मानसिक स्वास्थ्य विकारों को पहचानने के लिए चिकित्सकों के लिए महत्वपूर्ण होगा."

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Amit Shah ने बताया कि अब सही मायने में न्याय व्यवस्था का भारतीयकरण हुआ है
Topics mentioned in this article