भारतीय खाने की थाली में चावल प्रमुख आहारों में से एक है. आज के समय में आपको थाली में कई अलग-अलग वैराइटी के चावल खाने को मिल सकते हैं लेकिन एक चीज जो हमेशा कॉमन होती है वो है सफेद चावल जो सदाबहार आपकी थाली में बना रहता है. सिंपल से पानी में उबले हुए इन चावल को अपनी पसंदीदा करी के साथ खाने से लेकर बिरयानी और पुलाव बनाने तक में इस्तेमाल किया जाता है. कई लोगों का खाना बिना चावल खाए पूरा नहीं होता है तो कुछ लोग सिर्फ चावल खाना ही पसंद करते हैं. लेकिन इसके सेवन को लेकर के हमेशा ही कई तरह के सवाल उठते आए हैं. कई बीमारियों में इसका सेवन करना फायदेमंद नहीं माना जाता है. इसमें मौजूद स्टार्च की मात्रा के चलते यह कई बार सवालों के घेरे में आ ही जाता है. खासतौर से डायबिटीज में इसके सेवन करने को लेकर हमेशा सवाल उठते आए हैं. आज हम इसी मामले में गहराई से जानेंगे और आपको यह जानने में मदद करेंगे कि डायबिटीज में आपको सफेद चावल खाने चाहिए या नहीं.
रकुल प्रीत सिंह ने लंच में खाया प्रोटीन से भरपूर मील, देखकर मुंह में आ जाएगा पानी
सफेद चावल को लेकर हमेशा सवाल क्यों उठते हैं?
राइस ग्रेंस के छिलके को हटाकर, कूटकर और फिर उसे अच्छे से धुला जाता है तब जाकर व्हाइट राइस मिलता है. इतने सारे स्टेप्स से गुजरने के कारण इसमें विटामिन, खनिज और कई अन्य पोषक तत्वों कम हो जाते हैं. कुछ इसे पोषक तत्वों के नुकसान के कारण खाली कार्ब भी मानते हैं. क्या ये फैक्टर्स चावल को आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बनाते हैं? कुछ अध्ययनों में कहा गया है कि अगर सही मात्रा में इसका सेवन किया जाए तो ये अच्छा हो सकता है. सफेद चावल को पचाना आसान होता है, इसलिए वो लोग जो पाचन और मेटाबॉलिक जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं उनके लिए ये फायदेमंद हो सकता है.
पेट की चर्बी को मक्खन की तरह पिघला देंगे ये बीज, हर कोई पूछने लगेगा फिटनेस का राज
क्या डायबिटीज रोगी सफेद चावल खा सकते हैं?
दरअसल चावल को बनाने के लिए जिस प्रोसेस का इस्तेमाल किया जाता है उस वजह से उसे फायदेमंद नहीं माना जाता है. इस प्रोसेस की वजह से वो अपने पोषक तत्व खो देता है और उसमें कार्ब्स की मात्रा न के बराबर मानी जाती है. इस कारण ये ग्लाइसेमिक इंडेक्स बढ़ जाता है. यही कारण है कि इसका सेवन डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद नहीं माना जाता है.
हालांकि, यूरोपियन जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक स्टडी में इस बात के बिल्कुल विपरीत बताया गया है. नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर के रिसर्चस के निकाले गए निष्कर्षों में कहा गया है कि चावल का सेवन टाइप -2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ाने से नहीं जुड़ा है. यह रिसर्च एशियाई पॉपुलेशन पर की गई थी क्योंकि उनके खाने में चावल एक मुख्य आहार होता है. जिसमें यह पाया गया कि सफेद चावल अकेले ब्लड शुगर लेवल को नहीं बढ़ाते हैं. अगर इसे सही मात्रा में सही चीजों के साथ खाया जाए तो इसका सेवन नुकसान नहीं पहुंचाता. दरअसल, इसे गलत फूड सब्स्टीट्यूट से बदलने से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है.
मतलब साफ है कि अगर आप सही मात्रा में और सही चीजों के साथ इसका सेवन करते हैं तो सफेद चावल आपको नुकसान नहीं पहुंचाएगा. हालांकि डायबिटीज पेशेंट्स को इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए और बेहतर होगा अगर वो एक डाइट चार्ट तैयार कर लें. ग्लोबल हॉस्पिटल्स, मुंबई में कंसल्टेंट डायटीशियन डॉ ज़मुरुद पटेल भी कहते हैं कि सफेद चावल खाना स्वस्थ माना जा सकता है अगर आप उसकी एक सही मात्रा का सेवन करते हैं तो. बेहतर होगा कि आप बेहतर स्वास्थ्य के लिए व्हाइट राइस की जगह पर ब्राउन या फिर रेड राइस का सेवन कर सकते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.