नॉन-स्टिक बर्तनों में खाना पकाना सेहत के लिए खतरनाक, आईसीएमआर ने जारी गाइडलाइन में बताई वजह

Non stick utensils side effects: भारतीयों के लिए नई डाइटरी गाइडलाइन्स में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (एनआईएन) ने नॉन-स्टिक बर्तन में खाना न बनाने की सलाह दी है.

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समय के साथ कुकवेयर पर नॉन-स्टिक कोटिंग खराब हो सकती है.

Non stick bartan ke nuksan: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (एनआईएन) द्वारा एक विस्तृत गाइडलाइन शेयर की गई हैं, जिसमें उन्होंने भारतीयों के लिए अपने रिवाइज्ड डाइटरी गाइडलाइन्स (डीजीआई) में भारतीयों को नॉन-स्टिक पैन में खाना पकाने के खिलाफ चेतावनी दी है. जबकि टॉप बॉडीज ने नॉन-स्टिक कुकवेयर का उपयोग न करने की सलाह दी है, साथ ही एनवायरमेंट फ्रेंडली कुकवेयर का उपयोग करने की भी सलाह दी है, क्योंकि इसके दुष्प्रभावों पर उभरते शोध से गंभीर चिंताएं पैदा हुई हैं.

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नॉन-स्टिक कुकवेयर से परहेज क्यों करना चाहिए? (Why Should avoid non-stick cookware)

नॉन-स्टिक कुकवेयर को लंबे समय से इसकी नॉन-स्टिक सतह के कारण खाना पकाने के लिए एक सुविधाजनक विकल्प के रूप में माना जाता है, जिससे इसे साफ करना आसान हो जाता है और खाना पकाने के लिए कम तेल की जरूरत होती है.

हालांकि, हाल के शोध और हेल्थ एक्सपर्ट्स द्वारा उठाई गई चिंताओं ने नॉन-स्टिक कुकवेयर के संभावित खतरों के बारे में बताया है, कन्ज्यूमर्स से डेली खाना पकाने में उनके उपयोग पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.

नॉन-स्टिक कुकवेयर में खाना पकाने की चिंताओं में से एक पेरफ्लूरूक्टेनोइक एसिड (पीएफओए) और पेरफ्लूरूक्टेनसल्फोनिक एसिड (पीएफओएस) है, जो टेफ्लॉन जैसे नॉन-स्टिक कोटिंग्स के उत्पादन में उपयोग किए जाने वाले रसायन हैं. जब नॉन-स्टिक कुकवेयर को हई टेंपचेचर पर गर्म किया जाता है, तो ये रसायन हवा में जहरीला धुआं छोड़ सकते हैं, जिससे उनके संपर्क में आने वाले लोगों के लिए हेल्थ रिस्क पैदा हो सकता है. इन धुएं का सांस लेना कई स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है, जिसमें श्वसन समस्याएं, थायरॉयड डिसऑर्डर और यहां तक ​​कि कुछ प्रकार के कैंसर भी शामिल हैं.

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नॉन-स्टिक कोटिंग टूटने लगती है:

इसके अलावा, समय के साथ कुकवेयर पर नॉन-स्टिक कोटिंग खराब हो सकती है, खासकर जब हाई टेंपरेचर हो. जैसे-जैसे कोटिंग खराब होती जाती है, खाना पकाने के दौरान इसके भोजन में घुलने का खतरा होता है, जिससे संभावित रूप से कन्ज्यूमर्स हानिकारक रसायनों के संपर्क में आ सकते हैं. एसिडिक फूड्स पकाते समय या धातु के बर्तनों का उपयोग करते समय यह खासतौर से चिंताजनक है, क्योंकि ये नॉन-स्टिक कोटिंग के टूटने के खतरे को बढ़ा सकते हैं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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