शरीर की इम्यूनिटी मजबूत रहे तो कोई भी समस्या छू नहीं पाएगी. वहीं, कमजोर इम्यूनिटी कई बीमारियों की वजह बन जाती है. हर घर में आसानी से मिल जाने वाले तुलसी के पौधे को आयुर्वेद में किसी वरदान से कम नहीं माना जाता है. देवी-देवताओं को प्रिय तुलसी की पत्तियां इम्यूनिटी को बूस्ट करती हैं. भारत सरकार का आयुष मंत्रालय बताता है कि तुलसी सिर्फ पूजा की थाली का पवित्र पत्ता नहीं, बल्कि प्रकृति का सबसे शक्तिशाली औषधीय वरदान है. खासकर सर्दियों में जब वायरस और संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा होता है, रोजाना तुलसी का सेवन शरीर को अंदर से इतना मजबूत बना देता है कि दवाइयों की जरूरत कम पड़ती है.
कैसे करें तुलसी की सेवन- (How To Consume Tulsi Leaves)
आयुर्वेद में बताया जाता है कि रोजाना तुलसी सुबह खाली पेट चबाने से शरीर को कई लाभ मिलते हैं. तुलसी की चाय पी सकते हैं, शहद के साथ तुलसी का रस मिलाकर लेने से भी लाभ मिलता है. अदरक, काली मिर्च, लौंग डालकर तुलसी का काढ़ा बनाकर भी सेवन कर सकते हैं.
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तुलसी की पत्ती खाने के फायदे- (Benefits of Basil Leaves)
आयुर्वेद बताता है कि तुलसी में कई अद्भुत गुण छिपे हैं. तुलसी के पत्तों में भरपूर मात्रा में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-फंगल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं. यही वजह है कि इसे 'आरोग्य की संरक्षिका' कहा जाता है.
रोजाना तुलसी खाने से कई फायदे मिलते हैं. इससे इम्यूनिटी इतनी मजबूत होती है कि सर्दी, खांसी, बुखार और फ्लू आसानी से नहीं लगता. गले में खराश, बलगम और पुरानी खांसी में राहत मिलती है. सांस की तकलीफ, अस्थमा और एलर्जी के मरीजों को फायदा होता है. शरीर से खराब तत्व बाहर निकलते हैं, ब्लड प्यूरिफिकेशन होता है. पाचन मजबूत होता है, गैस, अपच और एसिडिटी दूर रहता है.
तुलसी के पत्ते खाने से तनाव और चिंता कम होती है क्योंकि तुलसी की खुशबू दिमाग को शांत करती है और नींद अच्छी लाती है. मुंह के छाले में भी आराम मिलता है. त्वचा पर चमक आती है, कील-मुंहासे कम होते हैं. सिर दर्द और माइग्रेन में भी फायदा होता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














