सर्वगुण संपन्न औषधि है मौलश्री, इन लोगों के लिए है बेहद फायदेमंद

Moulshree Kadha Benefits: अगर आप भी सर्दियों के मौसम में शरीर को सेहतमंद रखने के साथ सर्दी-खांसी की समस्या से बचना चाहते हैं तो मौलश्री का काढ़ा पी सकते हैं.

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Moulshree Benefits: मौलश्री काढ़ा पीने के फायदे.

मौलश्री या बकुल का पेड़ न केवल घरों और गलियों की शोभा बढ़ाता है, बल्कि आयुर्वेद में इसे सर्वगुण संपन्न औषधि भी माना जाता है. इसका पंचांग हिस्सा यानी फूल, पत्तियां, छाल, फल और डंठल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है. आयुर्वेद में मौलश्री को केसव के नाम से भी जाना जाता है. सदाबहार मौलश्री के फूलों की खासियत है कि सूखने के बाद भी इनकी सुगंध बनी रहती है. यह खुशबू मन को शांति देती है और आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होती है.

आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि मौलश्री पित्त और कफ दोष को संतुलित करती है. इसके फूल सूजन कम करते हैं और वजाइनल डिस्चार्ज की समस्या से राहत दे सकते हैं. हृदय में दर्द या सिरदर्द की समस्या में भी यह उपयोगी है.

मौलश्री में एक-दो नहीं बल्कि कई गुण पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए विशेष तौर पर लाभकारी हैं। त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे खुजली, दाने या संक्रमण में मौलश्री की छाल और पत्तियों का लेप या काढ़ा फायदेमंद साबित होता है. बुखार में भी इसके सेवन से जल्दी आराम मिलता है. सबसे खास फायदा पुरानी खांसी में देखा जाता है. 

कैसे करें मौलश्री का सेवन- (How To Consume Moulshree)

मौलश्री को आप डाइट में कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं. रात में कुछ सूखे या ताजे फूल पानी में भिगो दें. सुबह उस पानी को छानकर गुनगुना पी लें. इसका काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं. काढ़ा बनाने के लिए इसके फूल को रातभर के लिए साफ पानी में भिगो दें. फिर अगली सुबह इस पानी को अच्छे से खौला लें फिर छानकर चाय की तरह पी लें.

मौलश्री के फायदे- (Moulshree Ke Fayde)

1. खांसी- 

अगर खांसी लंबे समय से ठीक नहीं हो रही, तो मौलश्री के फूलों का आसान उपाय है. रात में कुछ सूखे या ताजे फूल पानी में भिगो दें. सुबह उस पानी को छानकर गुनगुना पी लें. आयुर्वेदाचार्य कहते हैं कि नियमित सेवन से एक हफ्ते में खांसी में काफी राहत मिल सकती है. यह कफ को बाहर निकालता है और गले को आराम देता है.

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2. बुखार-

मौलश्री का पंचांग (सभी हिस्से) अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल किया जाता है. फूलों की चाय या काढ़ा बनाकर पी सकते हैं. छाल का पाउडर त्वचा पर लगाया जा सकता है. पत्तियों का रस या काढ़ा बुखार और सूजन में लाभ देता है. फल पाचन सुधारते हैं.

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3. स्किन-

आयुर्वेद में मौलश्री को प्रकृति का ऐसा उपहार है जो सुंदरता, सुगंध और सेहत तीनों देता है. हालांकि, 

नोटः 

हेल्थ एक्सपर्ट सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी बताते हैं. ज्यादा मात्रा में लेने से नुकसान हो सकता है. गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को बिना सलाह यह नहीं देना चाहिए.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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