4th Day Of Navratri 2022: आज नवरात्रि का चौथा दिन है. नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां कुष्मांडा की पूजा करने से आयु, यश, बल और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है. माना जाता है कि मां कुष्मांडा की विधि विधान से पूजा करने से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं. अपनी मंद, हल्की हंसी के द्वारा मां कुष्ठमांडा ने अपने उदर से ब्रह्मांड को उत्पन्न किया था. माना जाता है जो भक्त मां के इस रूप की आराधना करते हैं, उनपर कभी किसी प्रकार का कष्ट नहीं आता. कुष्मांडा देवी को अष्टभुजा भी कहा जाता है. इनकी आठ भुजाएं हैं. अष्टभुजा देवी अपने हाथों में धनुष, बाण, कमल-पुष्प, कमंडल, जप माला, चक्र, गदा और अमृत से भरपूर कलश रखती हैं. मान्यता है जो भक्त मां के इस रूप की आराधना करते हैं, उनपर कभी किसी प्रकार का कष्ट नहीं आता. मां कूष्मांडा को दही, मालपुआ और हलवे का भोग लगाया जाता है.
माता कुष्ठमांडा भोग- Mata Kushmanda Bhog:
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. अपनी मंद, हल्की हंसी के द्वारा मां कुष्ठमांडा ने अपने उदर से ब्रह्मांड को उत्पन्न किया था. माना जाता है कि मां कूष्मांडा को दही, मालपुआ और हलवा अति प्रिय है, जो भक्त मां की इन चीजों के साथ आराधना करते हैं. उनपर मां सदा अपनी कृपा बनाए रखती हैं. आप माता को हलवे का भोग लगा सकते हैं. पूरी रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.
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मां कूष्मांडा पूजा विधि- Mata Kushmanda Pujan Vidhi:
नवरात्रि के चौथे दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं. इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ करें. फिर मां कूष्मांडा का स्मरण करके उनको धूप, गंध, अक्षत्, लाल पुष्प, सफेद कुम्हड़ा, फल, सूखे मेवे और सौभाग्य का सामान अर्पित करें. अब मां कूष्मांडा को हलवा और दही का भोग लगाएं. फिर उसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण कर सकते हैं. पूजा के अंत में मां कूष्मांडा की आरती करें.
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मां कूष्माण्डा मंत्र- Mata Kushmanda Mantra:
या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्मांडा रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
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