Benefits Of Drinking Grapefruit Juice: ग्रेपफ्रूट एक ऐसा फल है जिसका स्वाद खट्टा मीठा होता है. ग्रेपफ्रूट को चकोतरा के नाम से भी जाना जाता है. ग्रेपफ्रूट में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है. ग्रेपफ्रूट में कैलोरी की मात्रा कम पाई जाती है. इतना ही नहीं इसमें आयरन, विटामिन सी, पोटैशियम, मैग्नीशियम, प्रोटीन और मिनरल के गुण पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं. आपको बता दें कि हार्ट को हेल्दी रखने से लेकर वजन को घटाने तक के लिए ग्रेपफ्रूट फायदेमंद माना जाता है. ग्रेपफ्रूट का जूस पीने से थकान, बुखार, मलेरिया, मधुमेह, कब्ज, अपच जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है. ग्रेपफ्रूट में विटामिन सी अच्छी मात्रा में पाया जाता है. इसके जूस का सेवन करने से इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जा सकता है. तो चलिए आज हम आपको ग्रेपफ्रूट जूस पीने के फायदों के बारे में बताते हैं.
ग्रेपफ्रूट जूस पीने के फायदेः (Grapefruit Juice Peene Ke Fayde)
1. इम्यूनिटीः
इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए ग्रेपफ्रूट का जूस पीना लाभदायक माना जाता है. ग्रेपफ्रूट में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं, जो आपके शरीर को विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस से बचाने में मदद कर सकते हैं.
2. थकानः
थकान को दूर करने के लिए ग्रेपफ्रूट के जूस का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है. ग्रेपफ्रूट का जूस पीने से शरीर में ऊर्जा के स्तर को तेजी से बढ़ाया जा सकता है.
3. डिहाइड्रेशनः
ग्रेपफ्रूट जूस गर्मियों में डिहाइड्रेशन की समस्या से बचाने का काम करता है. इसमें लगभग 90 प्रतिशत पानी पाया जाता है जो गर्मी में पानी की कमी को दूर करने में मदद कर सकता है.
4. गठियाः
गठिया के मरीजों के लिए ग्रेपफ्रूट जूस का सेवन फायदेमंद माना जाता है. इसमें सैलिसिलिक एसिड पाया जाता है जो शरीर के कैल्शियम को तोड़ने में मदद कर सकता है. कैल्शियम जोड़ों की कार्टिलेज का निर्माण करने में मदद कर सकता है.
5. कब्जः
अगर आपको कब्ज या एसिडिटी की समस्या है तो आप नाश्ते में ग्रेपफ्रूट का जूस पी सकते हैं. ग्रेपफ्रूट में विटामिन सी और पोटेशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो हेल्थ के लिए लाभदायक माने जाते हैं. ये पाचन और कब्ज की समस्या में राहत देने का काम कर सकता है.
6. दिलः
ग्रेपफ्रूट जूस का सेवन करने से हार्ट को हेल्दी रखा जा सकता है. इतना ही नहीं इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल के लेवल को काफी हद तक कम किया जा सकता है साथ ही ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मदद मिल सकती है.
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